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जानें क्यों भड़की मणिपुर में हिंसा पढ़ें दो समुदायों के बीच झड़प की पूरी कहानी

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मणिपुर। मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प ने तनाव का माहौल बना दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर मणिपुर की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और यौन उत्पीड़न करने के वायरल वीडियो ने पूरे देश को हिला दिया। इस घटना के बाद पूरे देश से लोगों की प्रतिक्रियाएं आई और अपना गुस्सा जताया। मणिपुर में आखिर क्यों हिंसा भड़की है और किन मुद्दों पर लेकर दो समुदायों में तनाव है, इस बारे में यहां विस्तार से जानें –

7-सिस्टर्स राज्यों में शामिल है मणिपुर

भारत के पूर्वोत्तर में स्थित मणिपुर 7 सिस्टर्स राज्यों में शामिल है। मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है और यहां की कुल जनसंख्या करीब 33 लाख हैं। इस आबाद में आधे से अधिक मैतेई समुदाय के लोग हैं और करीब 43 फीसदी कुकी और नगा समुदाय के लोग रहते हैं, जो राज्य की प्रमुख अल्पसंख्यक जनजातियां हैं।

मणिपुर में 60 हजार लोगों ने घर छोड़ा

मणिपुर में मई माह से अभी तक मैतेई और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा में कम से कम 130 लोग मारे गए हैं और 400 लोग घायल हुए हैं। हिंसा को रोकने के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस लगातार प्रयास कर रहे हैं और इस संघर्ष के कारण 60,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ा है। हिंसक झड़पों में दोनों समुदायों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की और कई पुलिस थानों से हथियार भी लूट लिए। सैकड़ों चर्च के साथ-साथ कई मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है। पूरे गांव जलाकर राख कर दिए गए हैं।

ऐसे हुई हिंसक झड़प की शुरुआत

मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प की शुरुआत पहली बार 3 मई को सामने आई है। यहां 3 मई को मैतेई (घाटी बहुल समुदाय) और कुकी जनजाति (पहाड़ी बहुल समुदाय) के बीच हिंसा शुरू हुई थी। मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए, लेकिन कुकी समुदाय इसका विरोध कर रहा है। कुकी समुदाय का तर्क है कि इससे सरकार और समाज पर मैतेई समुदाय का प्रभाव और अधिक मजबूत होगा। मैतई समुदाय के लोगों को जमीन खरीदने या मुख्य रूप से कुकी क्षेत्रों में बसने की अनुमति मिल जाएगी। कुकी समुदाय के मुताबिक मैतेई के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा छेड़ा गया नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध कुकी समुदाय को उखाड़ने का एक बहाना है। दरअसल मैतेई, कुकी और नगा मिलिशिया बीते कई दशकों से परस्पर विरोधी मातृभूमि मांगों और धार्मिक मतभेदों को लेकर एक-दूसरे से लड़ते रहे हैं। द फ्रंटियर मणिपुर के संपादक धीरेन ए सदोकपम के मुताबिक, ”इस बार, संघर्ष पूरी तरह से जातीयता में निहित है, न कि धर्म में।”

कौन है कुकी और मैतेई?

मैतेई की जड़ें मणिपुर, म्यांमार और आस-पास के क्षेत्रों में फैली है और खुद को हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ मानती है। अधिकांश मैतेई सनातन धर्म की परंपराओं का पालन करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुकी समुदाय के ज्यादातर लोग ईसाई हैं और भारत के उत्तर-पूर्व में फैले हुए हैं और मणिपुर में उनमें से कई लोग अपनी जड़ें म्यांमार में भी खोज सकते हैं। मैतेई लोग ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी आसपास की पहाड़ियों वाले इलाकों में निवास करते हैं।

मणिपुर मामले में केंद्र सरकार की योजना

4 मई को महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न का वीडियो बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में काफी गुस्सा देखा गया। वीडियो वायरल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा पर कोई भी बयान नहीं दिया था, लेकिन मानसून सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना ने ‘भारत’ को शर्मसार कर दिया है और “किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता”।

मणिपुर में किसका शासन है?

राज्य में बीजेपी की सरकार है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं। प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर मैतेई समुदाय का वर्चस्व है। उनकी जनसंख्या कुल आबादी की 53 फीसदी है। कुकी समुदाय का कहना है, हेरोइन के व्यापार के लिए पोस्त की खेती को लेकर सीएम सिंह के हालिया युद्ध ने कुकी क्षेत्रों को निशाना साधा है। वहीं, राज्य सरकार ने कुकी विद्रोही समूहों पर समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया है।

कौन है मैतेई समुदाय?

मणिपुर में मेजॉरिटी समूह मैतेई है। कुकी और नगा दूसरे ट्राइबल ग्रुप हैं, जो माइनॉरिटी में आते हैं। मैतेई मैदानी इलाकों में रहते हैं और बाकी समुदाय पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। यदि मैतेई समुदाय को एसटी का दर्ज मिल जाता है, तो पहाड़ी इलाकों में उनकी पहुंच बढ़ जाएगी।

कौन है कुकी समुदाय?

कुकी जनजाति मणिपुर और मिजोरम के दक्षिण पूर्वी भाग की जनजातीय समूह है। कुकी भारत, बांग्लादेश और म्यांमार की कई पहाड़ी जनजातियों में से एक है। अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर सभी प्रदेशों में हैं।

क्यों मणिपुर में महिलाएं केंद्र में हैं?

मणिपुर की महिलाएं भारतीय राज्यों से अलग पहचान रहती हैं। यह उन राज्यों में से एक है जहां औरतों को अर्जक के रूप में देखा जाता है। मणिपुर की महिलाएं काफी दर पर श्रम क्षेत्र में हिस्सा लेती है। कई लोगों का मानना है कि मणिपुरी औरतें अन्य राज्यों की महिलाओं की तुलना में शक्तिशाली और स्वतंत्र है। उन्हें राज्य में सामूहिक शक्ति के रूप में देखा जाता है।

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