नितिन गुप्ता
देवास । हाई सिक्युरिटी जोन में शामिल मध्यप्रदेश के देवास स्थित देश की प्रमुख करेंसी प्रेस बैंक नोट प्रेस से करीब 90.59 लाख रुपए के नोट चुराने के चार साल पुराने मामले में आरोपी डिप्टी कंट्रोलर को न्यायालय ने बुधवार को बड़ी सजा सुनाई है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को तीन धाराओं में दंडित किया गया है। आजीवन कारावास के साथ ही करीब 75 हजार रुपए का अर्थदंड भी न्यायालय ने किया है।
19 जनवरी 2018 को सीआईएसएफ ने बैंक नोट प्रेस में डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा की शंका के आधार पर तलाशी लेने पर इसके पास से नोटों की गड्डी मिली थी बाद में उसके कार्यालय में भी तलाशी ली गई और फिर उसके घर पर भी दबिश दी गई। इस दौरान कुल करीब 90.59 लाख रुपए जब्त किए गए। घर में नोट गद्दों के अंदर से भी मिले थे। आरोपी जूते में रुपए छुपाकर घर ले जाता था। पुलिस ने मामले की जांच पूर्ण करने के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और सजा सुनाई। मामले के जांच अधिकारी व वर्तमान कोतवाली टीआई उमराव सिंह ने बताया आरोपी वर्मा को धारा 489 बी व सी, 409 में सजा हुई है। दो धाराओं में आजीवन कारावास एक में 7 साल की सजा है। इसके अलावा तीनों धाराओं में 75 हजार रुपए का अर्थदंड किया गया है। उप संचालक अभियोजन देवास राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि बैंक नोट प्रेस देवास के एन.बी.एफ. सेक्शन (जहॉ रिजेक्ट नोंटों की कटिंग की जाती है) के कारीडोर में तैनात सी.आई.एस.एफ. ड्यूटी पर तैनात जवान ने देखा कि एन.बी.एफ. सेक्शन में कार्यरत मनोहर वर्मा एक बॉक्स में कुछ वस्तु छुपा कर रख रहा था जो उन्हें देखने में संदिग्ध लगा जिसकी सूचना उन दोनों बल सदस्यों के द्वारा इकाई के सभी उच्च अधिकारियों को दी गई, इसके बाद अधिकारियों द्वारा तलाशी लेने पर उसके पैर के जुतों में 200-200 रूपये के 02 बंडल पाये गये जिसके पश्चात् वर्मा को पकड़कर उसके टेबल दराज की तलाशी ली गई जिसमें भी पांच सौ रूपये एवं दो सौ रूपये के विभिन्न नोट लगभग राशि 26,09,300/- रु बरामद किये गये। उसके पश्चात् पुलिस द्वारा उसके घर से लगभग 64,50,000/- रूपये के पांच सौ एव दो सौ रूपये के नोट जप्त किये गये। प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई इसमें 10.01.2018 से 19.01.2018 तक की हार्ड डिस्क एवं आरोपी मनोहर वर्मा का सेवा अभिलेख तथा जप्त नोटों से संबंधित विकत नोटों के रजिस्टर, सूचियां जप्त की गई। विवेचना में उपलब्ध साक्ष्य से पाया गया कि कि आरोपी मनोहर वर्मा द्वारा लोकसेवक के रूप में कार्य के दौरान उसको सौंपे गये विकृत नोटों को नष्ट न करवाते हुये, छुपाकर कर घर ले जाकर रखे व खर्च किये जो आरोपी के विरूद्ध धारा 409,489(ख)(ग) भादवि का अपराध पूर्णत: सिद्ध पाये जाने से मामले में अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। इस प्रकरण को गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। प्रकरण में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला देवास द्वारा दिनांक 16.03.2022 को निर्णय पारित कर आरोपी मनोहर वर्मा को आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 489 (ग) भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 25,000/- के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। गौरतलब है कि यह मामला देश की करेंसी से जुड़ा होने के कारण बहुचर्चित था और आरोपी को तब से लेकर अब तक जमानत नहीं मिल पाई थी, हर बार उसकी अजानत की अर्जी न्यायालय द्वारा खारिज की गई थी।