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हजारों नारियल खाली खोक-जूट रस्सी से बनाई भोलेनाथ की अनुपम प्रतिमा दर्शन करने उमड़ा भक्तों का सैलाब

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 सिवनी। भगवान की शंकर को प्रसन्न करने सावन माह में भक्त अलग-अलग तरीकों से पूजा-अर्चना कर रहे हैं।प्राचीन मठ मंदिर सिद्ध पीठ में जहां एक ओर 24 घंटे अखंड रामायण का पाठ से वातावरण भक्तिमय हो गया हैं।वहीं मठ मंदिर परिसर में स्थानीय कलाकार विक्की कश्यप व उनकी टीम ने 35 दिनों की मेहनत से हजारों नारियल, नारियल के खाली खोक-जूट, रस्सी इत्यादि से तैयार भगवान भोलेनाथ की अनुपम व विशाल प्रतिमा तैयार की है, जो भक्ताें की आस्था का केंद्र बन गई हैं। कलाकृति में तैयार भोलेनाथ की प्रतिमा शिव भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इसे देखने भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। भगवान शंकर के दर्शन पूजन करने के साथ ही प्रतिमा के साथ मोबाइल सेल्फी लेकर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित कर रहे हैं।

श्रद्धा भाव से तैयार की भोले बाबा की मूरत

कलाकार विक्की कश्यप ने नईदुनिया को चर्चा में बताया कि भोलेबाबा की यह प्रतिमा उन्होंने अपनी टीम में शामिल 12 लोगों की दिन-रात मेहनत व लग्न के बल पर श्रद्धा भाव से तैयार की है। भोले बाबा की कलाकृति को मूर्त रूप देने 15 दिनों तक सभी लोगों ने शहर व जिले के प्रत्येक मंदिर पहुंचकर साबूत नारियल, टूटे हुए नारियल के खोक, जूट, रस्सी इत्यादि एकत्रित किया। करीब पांच हजार साबूत नारियल और इतने ही टूट हुए नारियल एकत्रित करने के बाद प्रतिमा को तैयार का कार्य प्रारंभ किया गया।इसमें 20 दिनों से ज्यादा का समय लगा।सावन माह में उनके द्वारा बीते कुछ सालों से इसी तरह महादेव की नई-नई आकृति बनाई जा रही हैं। हर बार अलग-अलग सामग्री से भोलेनाथ की छिव को भक्तों के सामने उकेरने का प्रयास किया जाता है।

इंटरनेट मीडिया में छाई महादेव की कलाकृति

इस अद्भुत कलाकारी को इंटरनेट मीडिया पर लोग खूब पसंद कर रहे हैं। कलाकृति तैयार होने के कुछ ही घंटों में इंटरनेट मीडिया में नारियल व जूट-रस्सी से तैयार महादेव की प्रतिमा छा गई है। बताया गया कि पहले ही विशेष आयोजनों पर विक्की कश्यप इस तरह की कलाकृतियां बनाते आ रहे हैं। मठ मंदिर क्षेत्र निवासी विक्की कश्यप ने पिछले साल पेड़ की जड़ों से महादेव की कलाकृति तैयार की थी, जिसे भक्तों ने खूब सराहा था।अब नारियल से तैयार आकृति जिलेवासियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। विक्की कश्यप ने बताया कि कलाकृति को तैयार करने में करीब 9 से 10 हजार नारियल का उपयोग किया गया है।

त्रिशूल और नाग भी किया तैयार

कलाकृति में भागवान भोलेनाथ बहुत ही आकर्षक नजर आ रह हैं, जिनकी जटाओं में चांद सुशोभित हो रहा है।लंबी-लंबी जटाएं फैलाएं भोले बाबा की शांत मुद्रा के दर्शन भक्तों को हो रहे हैं। भगवान शंकर के प्रमुख गण में शामिल नाग और उनके अस्त्र त्रिशूल काे भी प्रतिमा के साथ तैयार किया गया है।

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