जबलपुर। हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के बाद डीएसपी से की गई रिकवरी अवैधानिक पाते हुए निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति मनिन्दर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता पुलिस अधिकारी से की गई वसूली राशि 90 दिन के भीतर लौटाएं। ऐसा नहीं करने पर छह प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज देना होगा। इंदौर निवासी शशि प्रकाश दुबे ने याचिका दायर कर बताया कि वे जुलाई 2017 में बैतूल से डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुआ थे।
सेवानिवृत्ति के बाद जारी किया गया रिकवरी नोटिस
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत अवस्थी, आशीष त्रिवेदी व असीम त्रिवेदी ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद 12 सितंबर, 2017 को रिकवरी नोटिस जारी किया गया। विभाग ने कहा कि याचिकाकर्ता को द्वितीय समयमान वेतन सितम्बर 2007 से दिया जाना था, परन्तु यह लाभ अप्रैल 2006 से दिया गया है। इसलिए अधिक भुगतान की गई राशि वापस की जाए। उन्होंने दलील दी कि उक्त भुगतान में याचिकाकर्ता की कोई त्रुटि नहीं है।
राज्य सरकार ने यह दिया तर्क
राज्य सरकार द्वारा तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता ने क्षतिपूर्ति बांड भरा था कि अतिरिक्त राशि भुगतान होने की स्थिति में उसे वापस करना पड़ेगा। कोर्ट ने पाया कि क्षतिपूर्ति बांड किस तिथि को निष्पादित किया है, वह स्पष्ट नहीं है। यह दलील भी दी गई कि द्वितीय समयमान वेतन का लाभ प्रदान किए जाने के समय इस प्रकार का कोई बांड निष्पादित नहीं किया था।
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