-12 करोड़ 34 लाख की राशि से किया जाना है निर्माण कार्य
-सिलवानी मे एमपीआरडीसी करवा रही है निर्माण कार्य,निर्माण कार्य में निर्माण के तय माप दण्ड का नही किया जा पालन
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
फोरलेन सडक़ का निर्माण कार्य कर रही निर्माण एजेंसी के द्वारा निर्माण के तय मापदण्ड का उपयोग ना किया जाकर मनमानी पूर्ण कार्य किया जा रहा है। जिससे ना केवल गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बल्कि आगें पाठ पीछे सपाट की स्थिति भी निर्मित हो रही है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा निर्माण एजेंसी की मनमानी पर अंकुश नही लगाया जा रहा है। जिससे विभागीय अधिकारियो की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लोगों के द्वारा लगाए जा रहे है। हालांकि तहसील मुख्यालय सिलवानी – विकास पुरुष कहे जाने वाले पूर्व मंत्री, विधायक ठाकुर रामपाल सिंह राजपूत का विधानसभा मुख्यालय भी है इसके बाबजूद भी निर्माण एजेंसी गुणवत्ताहीन कार्य कर निर्माण की औपचारिकता कर रही है। नागरिको का कहना है कि विभागीय अधिकारियों व निर्माण एजेंसी की सांठगांठ के चलते ही गुणवत्ता हीन कार्य किया जा रहा है।
वर्तमान में निर्माण एजेंसी के द्वारा गांधी चौक से बजंरग चौराहा तक सडक़ के एक ओर आरसीसी नाली का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस नाली का निर्माण कार्य अनियमित्ताओ की भेंट चढ़ता जा रहा है। नाली का आड़ा तिरछा निर्माण किया जा रहा है जवकि नाली निर्माण नियमानुसार सीधे सीधे ही किया जाना चाहिए । लेकिन निर्माण एजेंसी निर्माण कार्य में बगैैर टेस्टिंग कराए ही साईड इंजीनियर की अनुपस्थिति मे कार्य कर रही है जो कि निर्माण कार्य गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतर पा रहा है।
स्टेट हाईवे 44 स्थित आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक दो किलो मीटर लंबे फेरलेन सडक़ का निर्माण कार्य एमपीआरडीसी के द्वारा कराया जा रहा है। हालांकि निर्माण की समय सीमा 12 माह तय की गई थी। लेकिन करीब चार साल बीत जाने के बाद भी कार्य पूर्ण नही किया जा सका है। वही दूसरी तरफ नाली निर्माण कार्य में तय मापदण्ड का उपयोग ना कर मनमानी पूर्वक कार्य किए जाने को लेकर भी लोगो में निर्माण एजेंसी के प्रति नाराजगी बनी हुई है। 12 करोड़ 34 लाख रुपए की लागत से आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक फोरलेन सडक़ का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
नही की जा रही है पानी से तराई
आरसीसी निर्माण के ंबाद निर्माण की मजबूती के लिए किए गए निर्माण कार्य पर पानी से तराई की जाती है। लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा एैसा नही किया जाना बताया जा रहा है। लेकिन अधिकारी भी इस पर कोई कार्रवाही नही कर रहे है।
लगते रहे है आरोप
अभी तक किए गए निर्माण कार्य में नागरिको के द्वारा गुणवत्ता हीन कार्य किए जाने के आरोप निर्माण एजेंसी पर लगाए है। तथा इस बात से एमपीआरडीसी के अफसरों को भी अवगत कराया जा चुका है। लेकिन गुणवत्ता हीन कार्य करने वाली निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही करने में विभागीय अधिकारी भी अक्षम साबित हो रहे है।
अफसर नही करते कार्रवाही
12 करोड़ से अधिक की राशि से कराए जा रहे फोरलेन निर्माण कार्य की अफसरो के द्वारा मानीटरिंग नही की जा रही है। एमपीआरडीसी के द्वारा निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन विभागीय अफसरो के द्वारा निर्माण कार्य की मानीटरिंग नही की जा रही है। विभागीय अफसरो के द्वारा कार्य का निरीक्षण ना किए जाने से निर्माण एजेंसी लापरवाही बरत रही है। निर्माण एजेंसी के द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर एमपीआरडीसी के अफसर मौन बने हुए है। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य मीडिया की सुर्खियां बन चुके है। लेकिन अफसर कार्रवाही करने के बजाय निर्माण एजेंसी को बलात संरक्षण दे रहे है। नगर के मुकेश साहू, प्रदीप रघुवंशी, आशीष जैन आदि ने विभागीय अधिकारियो से अभी तक किए गए निर्माण कार्य की जांच कराने व गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराने की मांग की है।