भोपाल। प्रदेश में कुछ स्थानों पर मतांतरण का कुचक्र चल रहे हैं। हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे। पूरे प्रदेश में हमने जांच के निर्देश दिए हैं। जो शिक्षण संस्थान, चाहे मदरसे हों या अन्य संस्थान, अगर गलत ढंग से शिक्षा भी दी जा रही होगी तो उनकी भी जांच करेंगे। दमोह की घटना गंभीर है। एफआइआर कराई जा रही है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मीडिया से चर्चा में कही।
उन्होंने कहा कि दमोह की घटना में हमारे पास रिपोर्ट आ रही है। दो बेटियों ने बयान दिए हैं कि उन्हें बाध्य किया गया। एफआइआर कर रहे हैं। कठोरतम कार्रवाई होगी। भोले-भाले मासूम बच्चे, जिनमें समझ ही नहीं है, उन्हें पढ़ाई के नाम पर बुलाकर अगर इस ढंग का प्रयत्न किया जाता है तो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे जिनके भी इरादे हैं, वे कठोरतम दंड पाएंगे।
गृहमंत्री नरोत्तम ने पुलिस को दिए कार्रवाई के निर्देश
उधर, गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल के संबंध में पुलिस को निर्देश दिए हैं कि प्रथमदृष्टया जो जानकारी आई है, उसके आधार पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करें। इस प्रकार की सोच रखने वालों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। पीएफआइ से संबंध या टेरर फंडिंग की जानकारी सामने आने पर भी कार्रवाई होगी। भारत के नक्शे में छेड़छाड़ को जो विषय आया है, उसमें भी जांच के लिए कहा है।
डीईओ, कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध
वहीं, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें उन्होंने गलत जानकारी और क्लीनचिट देने का प्रयास किया है। संयुक्त संचालक से जांच कराई तो गणवेष के अलावा अन्य कमियां मिली हैं। जिला शिक्षा अधिकारी को हटाया जा रहा है। कलेक्टर की भूमिका को लेकर भी स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बातें सामने आ रही हैं, उससे लग रहा है कि वे स्कूल प्रबंधन को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
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