सुरेन्द्र जैन धरसीवा रायपुर
संत शिरोमणि दिगंबर जैनाचार्य 108 विद्यासागरजी महामुनिराज ने रविवार को अपने अनमोल वचन में कहा कि संकल्प से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आचार्यश्री ने चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ में प्रवचन में कहा कि जिस प्रकार कभी – कभी अतिवृष्टि होती है तो सारा का सारा पानी खेत में भर जाता है और फसल ख़राब हो जाती है | कभी – कभी नावृष्टि के कारण खेतों कि फसल सुखकर ख़राब हो जाती है और कभी – कभी अच्छी फसल होने के बाद उसे काट कर रखते हैं और उसमे बरसात हो जाये तो वो भी ख़राब हो जाती है |
इतिहास में कभी वैशाख में वर्षा नहीं हुई लेकिन अब हो रही
जैनाचार्य ने आगे कहा कि इतिहास में कभी ऐसा देखने में नहीं आया कि पूरे के पूरे वैशाख मास में वर्षा हुई हो | जब वैशाख मास में अमरकंटक से विहार हुआ था तो डोंगरगढ़ आने तक 300 किलोमीटर कि दूरी में प्रतिदिन झमा झम वर्षा हुई, बीजली कड़कना, बाजा बजना (बादल गरजना) के साथ समय से पहुँच गये| अन्य जगह भी इस दौरान वर्षा का प्रभाव देखने को मिला |
प्रतिष्ठाचार्य बम्होरी सिलवानी पंचकल्याणक के लिये गए थे वे उसी दिन पुहुँचे जिस दिन उनको वहाँ जाना था और अगले ही दिन से पंचकल्याणक प्रारंभ हो गया फिर ऐसी हवा चली, गर्जना हुई और मुसलाधार वर्षा से पूरा पांडाल पानी से लबालब भर गया और कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा | एक – दो दिन बाद फिर पुनः पंचकल्याणक प्रारंभ हो गया | इसमें वहाँ के लोगो का पुण्य रहता है जिससे कार्य में सफलता प्राप्त होती है | इसी तरह यह तूफानी पंचकल्याणक संपन्न हुआ | वहाँ दो – तीन महाराज भी है जिन्हें अच्छे मुहूर्त आदि देखकर पंचकल्याणक कराना चाहिये | आज तक ऐसा पंचकल्याणक हुआ ही नहीं | भावना से पुष्ट होकर जो कार्य करते हैं तो वो अवश्य ही सफल होते हैं | एक श्रावक अपने काल में यह कार्य करवाना चाहते थे अगर उस समय हो जाता तो ऐसा नहीं होता | अब उनके बाद उनकी धर्म पत्नी ने इसे पूरा करने का संकल्प लिया | संकल्प के माध्यम से ही हमें मोक्ष मार्ग में सफलता मिलती है | अच्छे संकल्प के साथ साथ
आयु के क्षय हुए बिना मृत्यु नहीं हो सकती
आचार्यश्री ने एक दुखद घटना पर कहा कि आयु के क्षय हुए बिना मृत्यु नहीं हो सकती
उन्होंने कहा कि अच्छी भावना से भी ओत प्रोत रहे | हमें बुरे संकल्प विकल्प से बचना चाहिये | एक व्यथा है कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना में बहुतों का अभाव हो गया | यात्री ट्रेन और मालगाड़ी का एक्सीडेंट हुआ जिसमे ट्रेन के कई डब्बे मालगाड़ी के ऊपर तक चढ़ गए और क्षत – विक्षत हो गए | उसी ट्रेन में कुछ 108 – 110 ऐसे भी लोग थे जो सिख्मंग्लुर (एक प्रसिद्ध क्षेत्र है कहीं से चुनाव हारने के बाद जहाँ से गांधी चुनाव जीते थे ) से सम्मेद शिखर जी दर्शनार्थ संकल्प लिया उनको कुछ भी नहीं हुआ और उनका बाल भी बांका नहीं हुआ | आयु के क्षय हुए बिना मृत्यु नहीं हो सकती |
शास्वत तीर्थ की वंदना जीवन मे एक बार जरूर करें
आचार्यश्री ने कहा कि जीवन में एक बार हमें शाश्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर कि यात्रा अवश्य करना चाहिये | दृढ संकल्प और साता के उदय के कारण वे 108 – 110 लोग इस बड़ी दुर्घटना से बच गए | सरकार के प्रधानमंत्री ने तत्काल वहाँ पहुँच कर हांथों हाँथ दुर्घटना ग्रस्त परिवार वालों को सांत्वना आदि अपनी तरफ से दिया | होनी को कोई टाल नहीं सकता है | यह जीवन पानी के बुलबुले के समान है जो हमें पता है कि एक समय के बाद फूटता ही है | पानी कि बूंद अलग है और पानी का बुलबुला अलग है | बचपन में एक पतली पाइप जैसा कुछ आता था जिसमे साबुन का पानी या सादा पानी भरकर फूंकने पर उससे बुलबुला निकलता था और कुछ ही पल में फूट जाता था | सभी को पता होता है कि वह बुलबुला फूटेगा ही | इस तरह आज आप लोगो को यह तूफानी पंचकल्याणक जो कि दृढ संकल्प कर सम्पन्न किया गया और एक ओर बड़ी व्यथा (ट्रेन एक्सीडेंट) के बारे में बताया जिसे आप लोगो ने अच्छे से सुना और समझा कि किस तरह अपने जीवन में संकल्प का होना आवश्यक है |
दिगंबर जैन पाठशाला की बालिकाओं को मिला आहार दान का पुण्य
रविवार को आचार्य श्री को नवधा भक्ति पूर्वक आहार कराने का सौभाग्य आचार्य श्री विद्यासागर जी दिगम्बर जैन पाठशाला कि समस्त बालिकाएं बड़ा जैन मंदिर गुना परिवार को प्राप्त हुआ जिसके लिए चंद्रगिरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन,कार्यकारी अध्यक्ष श्री विनोद बडजात्या, सुभाष चन्द जैन, चंद्रकांत जैन, सिंघई निखिल जैन (ट्रस्टी),निशांत जैन (सोनू), प्रतिभास्थली के अध्यक्ष श्री प्रकाश जैन (पप्पू भैया), श्री सप्रेम जैन (संयुक्त मंत्री) ने बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें दी