-शिकायत के बाद भी ज़िम्मेदार नही दे रहे ध्यान
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
सरकार द्वारा गांव-गांव में स्कूल और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण इलाकों को सड़क से जोड़कर उनका विकास किया जा सके। और गांवों में स्कूल बनाकर वहां के बच्चों को शिक्षित किया जा सके। जिससे वह देश का भविष्य बन सकें। मगर सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत सरार में
कुछ और ही मामला देखने को मिला है। यहां पर स्कूल पढ़ने वाले बच्चों और आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल में पड़ना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत सरार में बरसों पुरानी शासकीय प्राथमिक शाला की हालत जर्जर हो चुकी है। स्कूल के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल का भवन बरसों पुराना है। जिस पर लकड़ी और कवेलू की बरसों पुरानी छत है। भवन की दीवार पर भी जगह-जगह से दरारे पड़ रही हैं। वहीं कवेलू वाली छत से बरसात के मौसम में पानी टपकता है। ऐसे में बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है।
स्कूल के शिक्षकों से बात की तो उनका कहना है कि बाजू में नए भवन में बच्चे बन नहीं पाते हैं। और कोविड-19 का पालन करते हुए अलग-अलग बिठाना पड़ता है। बता दें कि ऐसे में विभाग द्वारा बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। और ज़िम्मेदारों द्वारा इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। वहीं स्थानीय ग्रामीणों भगवान सिंह, मलखान सिंह, मूरत सिंह आदि ने कहा है कि पढ़ाई के नाम पर हमारे बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। और ज़िम्मेदार शिक्षक इस और ध्यान नही दे रहे हैं। जिसकी वजह से बच्चों की जान को हमेशा खतरा रहता है। अब देखना यह कि प्रशासन कब इन मासूम बच्चों की सुध लेता है।