-रायसेन, सांची सहित कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी पीड़ित को नही मिला इलाज
-उधार लेकर इलाज में खर्च किए 30 हज़ार रुपए नही मिला आराम
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की Exclusive रिपोर्ट।
सांची जनपद की सुनारी सलामतपुर ग्राम पंचायत के इंद्रानगर आदिवासी बस्ती में रहने वाले युवक का हाथ वैक्सीन लगने के बाद काम नही कर रहा है। पीड़ित 31 वर्षीय युवक विजयराम आदिवासी पिता घासीराम आदिवासी ने बताया कि उसने सलामतपुर स्वास्थ्य केंद्र में कोविशिल्ड वैक्सीन का पहला डोज़ 23 जून 21 को लगवाया था। और वैक्सीन का दूसरा डोज़ 17 सितंबर 21 को लगवाया था। वैक्सीन लगने के लगभग एक से डेढ़ महीने के बाद युवक के बाएं हाथ ने काम करना बंद कर दिया। युवक इलाज कराने को लेकर चार महीने से जिला अस्पताल सहित सांची अस्पताल के चक्कर लगा रहा है। लेकिन ज़िम्मेदार डॉक्टर कोई सुनवाई नही कर रहे हैं। जिसकी वजह से विजयराम ने तीस हजार रुपए उधार लेकर अपना इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नही हुआ।अब पीड़ित मरीज के पास इतने भी रुपए नही हैं कि वह किसी अच्छे अस्पताल में अपने हाथ का इलाज करा सके। वह सरकारी मदद के इंतज़ार में चार महीने से परेशान है।लेकिन ज़िम्मेदार कोई सुनवाई नही कर रहे हैं।
सलामतपुर रेक पॉइंट पर हम्माली कर चलाता है परिवार का खर्च–सरकार आदिवासी समाज के लिए कितनी ही योजनाएं चला रही है। लेकिन ये योजनाए असली हकदारों तक नही पहुंच पाती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण विजयराम आदिवासी है। जिसको शासन की योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। पीड़ित अपने 3 बच्चों व परिवार का पालन पोषण करने के लिए रेलवे रेक पॉइंट पर हम्माली कर गुज़र बसर कर रहा है। लेकिन उसका एक हाथ खराब होने के बाद से उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब उसको खाद व गेंहूँ की बोरियां उठाने के लिए दूसरों से मदद लेना पड़ती है। क्योंकि उसका एक ही हाथ काम कर रहा है। दूसरों से मदद लेने के बाद ही वह पचास किलो की बोरी उठा पाता है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन कब इस आदिवासी युवक की सुध लेता है।
आदिवासी युवक को आयुष्मान और बीपीएल कार्ड भी नही दिला सका मदद- सलामतपुर के इंद्रानगर निवासी विजयराम आदिवासी के पास आयुष्मान कार्ड और अति गरीबी रेखा का कार्ड भी है। लेकिन पीड़ित को दोनों कार्ड होने के बाद भी अस्पतालों में अपने हाथ का इलाज कराने के लिए उधार रुपए तक लेना पड़े । फिर भी युवक का हाथ सही नही हुआ। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन कब इस आदिवासी युवक की सुध लेकर उसके हाथ का इलाज कराता है।
इनका कहना है।
मेने 17 सितंबर 21 को कोविशिल्ड वैक्सीन का दूसरा डोज़ सलामतपुर के राजीवनगर आंगनवाड़ी में लगवाया था। वैक्सीन लगवाने के बाद एक से डेढ़ महीने के अंदर ही मेरा बांया हाथ पतला हो गया और उंगलियां भी टेढ़ी हो हैं। यहां तक कि बाएं हाथ ने काम करना ही बंद कर दिया। हाथ के इलाज के लिए भी काफी अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन निराशा ही हाथ लगी। बायां हाथ खराब हो जाने के कारण अब मुझे हम्माली करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विजयराम आदिवासी, पीड़ित इंद्रानगर सलामतपुर।
मेरे पास ऐसा कोई भी युवक इलाज कराने नही आया है। कि जिसको वैक्सीन लगने के बाद हाथ काम नही कर रहा हो। आपके द्वारा यह बात मेरे संज्ञान में लाई गई है। में युवक को स्वास्थ्य केंद्र बुलवाकर उसका पूरा परीक्षण करता हूँ। वैसे कोरोना वायरस से रोकधाम के लिए उपयोग होने वाली दोनों ही वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवेक्सिन पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
डॉ रवि राठौर, मेडिकल ऑफिसर स्वास्थ्य केंद्र सलामतपुर।
विजयराम आदिवासी का बायां हाथ काफी समय से काम नही कर रहा है। उसको ये दिक्कत वैक्सीन लगवाने के बाद से शुरू हुई है। अब उसको एक हाथ से ही हम्माली का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण करना पड़ रहा है। प्रशासन की तरफ से भी पीड़ित आदिवासी युवक को कोई मदद नही मिली है।
हमज़ा जाफरी, उपसरपंच ग्राम पंचायत सुनारी सलामतपुर।