छलका हम्माल और तुलावटियों का दर्द:कहा- मंडियों में भी साल भर का काम नहीं मिलता, आर्थिक रूप से हो रहे परेशान
शिवलाल यादव रायसेन
मजदूर दिवस पर कृषि उपज मंडी रायसेन सहित सब्जी मंडी और अन्य फुटकर माल ढुलाई कार्य करने वाले हम्माल और तुलावटियों की परेशानी सामने आई है। उनका कहना है कि जिले की कृषि उपज मंडियों सहित समर्थन मूल्य पर उपज खरीदी केन्द्रों सहित सब्जी फल मंडी सहित अन्य माल ढुलाई करने वाले हजारों की संख्या में हम्माल और तुलावटियों के साथ ही महिला मजदूर भी काम करते हैं। मंडियों में भी साल भर का काम नहीं मिल पाता है। वहीं संनिर्माण मजदूर एवं असंगठित मजदूरों की है। स्थिति यह है कि काम की तलाश में वह हर सुबह घर से निकलते हैं पर हर दिन काम नहीं मिलता है। एक निश्चित आमदनी नहीं रहती है।इससे आर्थिक रूप से वह परेशान रहते हैं।
रबी सीजन में भी बैठे खाली हाथ….
कृषि उपज मंडी रायसेन में हम्माल संघ के पप्पू सिंह ठाकुर शफाकत अली भूरा मियां असलम मेवाती सोजन सिंह कहना है कि मार्च महीने से नए गेहूं की मंडियों में आवक हुई थी। मार्च में 17 दिन, और अप्रैल माह में 21 दिन काम हुआ। रबी और खरीफ उपज के सीजन से हम्मालों को काफी उम्मीद रहती है। अब साल भर मंडियों पहले की तरह काम नहीं रहता है। लेकिन, अवकाशों के चलते सीजन में भी हम्मालों को खाली बैठना पड़ता है। रायसेन मंडी में करीब 500 लाइसेंस धारी हम्माल हैं। तुलावटों की संख्या 52 है। वहीं, 50 के करीब महिला मजदूर हैं। इनके परिवार मंडियों पर ही आश्रित हैं। साल में करीब 250 दिन ही काम मिल पाता है।
ऋण सुविधाओं से भी वंचित…..
रायसेन कृषि उपज बमंडी में तुलावट सरजू प्रसाद ,वासुदेव ,शंकरलाल ने बताया कि तुलावट और हम्मालों के लिए कोई ऋण सुविधा नहीं है।उन्हें आकस्मिक खर्च आ जाने पर कर्ज लेना पड़ता है। दुर्घटना सहायता भी नहीं है। हक अधिकारों की बातें तो होती है, लेकिन उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होती है।