सुरेन्द्र जैन धरसीवां
सांकरा में मौत की सिक्स लाइन पर हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं सप्ताह के प्रथम दिवस सोमवार की दोपहर व शाम को दो हादसों में दुपहिया सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए वही शाम को उसी जगह दूसरी घटना में तीन लोग घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक पहली घटना दोपहर दो बजे हुई जब रायपुर से बिलासपुर की तरफ जा रही कार के सामने अचानक वाइक आ गई सडक पार कर रही वाइक को सामने से टक्कर लगने सर वाइक सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें संजीवनी 108 वाहन से तत्काक रायपुर मेकाहारा भेजा गया पुलिस ने कार को जप्त कर लिया।
दूसरी घटना शाम करीब सात बजे हुई अज्ञात वाहन दुपहिया को टक्कर मारते फरार हो गया दुपहिया सवार पति पत्नि व बच्चों को घायल अवस्था ने सिलतरा के 112 वाहन ने अस्पताल पहुचाया जहां मामूली चोटें होने से उपचार के बाद छुट्टी कर दी गई।
अनगिनत जीवन लील चुकी सिक्स लाइन
आमतौर पर सिक्स लाइन ओर फोर लाइन सडकों का निर्माण बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने और आवागमन की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए होता है रायपुर बिलासपुर राजमार्ग को फोर लेन एवं सांकरा से सिमगा तक सिक्स लाइन भी इसी उद्देश्य से बनाया गया था लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एनच व निर्माण एजेंसी ने निर्माण के पूर्व किये गए अंडरब्रिज के वादे को भी भुला दिया जिससे यह सिक्स लाइन अकाल मौत की लाइन बनकर रह गयी और जबसे निर्माण पूर्ण हुआ तब से अब तक अनगिनत लोग यहां हादसों में बेमौत मर चुके हैं।
हादसों में अकाल मौतों के पीछे एकमात्र कारण अंडरब्रिज का निर्माण न होना
आये दिन तो कभी दिनभर में दो तीन सड़क हादसे सिक्स लाइन पर स्थित टाटीबंध की तरफ जाने वाले ब्रिज के समीप होने के पीछे का एकमात्र कारण है सांकरा में अंडरब्रिज का निर्माण नहीं होना
अंडरब्रिज के लिए जनसुनवाई में निर्माण के पूर्व ही यह स्पष्ट कहा गया था कि सांकरा में अंडरब्रिज का निर्माण कराया जाएगा लेकिन न तो अंडरब्रिज बनाया न ही सिक्स लाइन पर चढ़ने उतरने दोनो तरफ से सड़क बनाई गई परिणामस्वरूप सड़क के दोनो तरफ स्थित फेक्ट्रियों में जाने वाले मजदूरों स्कूली छात्र छात्राओं को एवं सांकरा सोंडरा निमोरा मुरेठी आदि गांवो से रायपुर व बिलासपुर की ओर जाने वाले लोगो को सर्विस रोड से लंबी दूरी तक जाना होता है और जहां स्वार्थी तत्वों ने अपनी जमीनों को कीमती बनाने मार्केट बनाने चोक बनाया है वहीं से सभी को जान हथेली पर रखकर सड़क पार करनी पड़ती है जिससे आये दिन तो कभी दिनभर में दो तीन दर्दनाक हादसे तो हो ही जाते है
विद्यार्थियों ने भी कई बार आन्दोलन किये लेकिन मिला तो अब तक सिर्फ आश्वासन ।