इंदौर। स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान में हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसके प्रयोग के लिए भारत सरकार ने राजभाषा अधिनियम नियम बनाए, जिससे भारत सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिंदी में कामकाज किया जाए। इससे संवैधानिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करना कर्मचारियों का कर्तव्य हो जाता है। यह बात सेवानिवृत्त राजभाषा अधिकारी हरेराम वाजपेयी ने पावरग्रिड कार्पोरेशन के इंदौर कार्यालय में आयोजित हिंदी कार्यशाला में कही।
उन्होंने आगे कहा कि हिन्दी में कामकाज करना देश की सच्ची सेवा है। हमें स्वतंत्र हुए 76 वर्ष से अधिक हो गए हैं। अब अंग्रेजी का प्रयोग बहुत जरुरी होने पर ही किया जाना चाहिए। चीन, जापान, जर्मनी, कोरिया, अरब देशों में उनकी भाषा में ही कार्य किए जाते हैं। इन देशों में कार्य करने के लिए वहां की भाषा आना अनिवार्य है। संस्था द्वारा हिंदी में किए जा रहे कार्यों का विवरण देते हुए महाप्रबंधक अरविंद खरे ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यशाला का संचालन अभियन्ता नवीन कुमार ने किया तथा आभार वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक एसएस शर्मा ने माना। इस दौरान उपमहाप्रबंधक संदीप खण्डारे, खुशबू ओझा, इमरान खान व अन्य प्रतिभागियों ने कई प्रश्न पूछे जिनका उत्तर हरेराम बाजपेयी ने दिया। इस दौरान अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
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