रामपुरकलां, मुरैना। रामपुर थाना क्षेत्र के बेरखेड़ा गांव में बुधवार की शाम को झगड़े के दौरान एक दिव्यांग युवक की उसके ताऊ व सगे भाई ने लाठी से मारपीट कर हत्या कर दी। इसके बाद रात दो बजे उसके शव का अंतिम संस्कार किया और साक्ष्य छुपाने के लिए राख को बांसुरी नदी में बहा दिया। लेकिन सुबह सात बजे पुलिस को इस बात की सूचना मिल गई। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। जहां मृतक के पिता ने पूरी घटना बताई। पुलिस ने इस मामले में ताऊ, भाई व भाभी के खिलाफ मामला दर्ज किया। वहीं एफएसएल टीम अब नदी पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है।
लाठियों से पीटकर कर दी हत्या
जानकारी के मुताबिक बेरखेड़ा निवासी मांगीलाल कुशवाह अपनी पत्नी के साथ विजयपुर रिश्तेदारी में गमी होने पर फेरा करने गए थे। घर में उनका दिव्यांग बेटा वीरू कुशवाह ही था। वहीं मांगीलाल का दूसरा बेटा महेश जिसे बड़े भाई बाबू कुशवाह ने गोद ले लिया था। वह भी घर में ही था। बताया जाता है कि दिव्यांग वीरू का अपनी भाभी नीलम से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसी विवाद पर महेश व ताऊ बाबू ने मिलकर लाठियों से वीरू की मारपीट कर दी। जिससे उसकी मौत हो गई।
रात में ही राख समेटकर नदी में बहा दी
रात 10 बजे मांगीलाल भी फेरा कर वापस आ गया। जिसने अपने बेटे को लहूलुहान मृत अवस्था में देखा। लेकिन इस बीच मामला पारिवारिक होने से मांगीलाल को चुप करा दिया गया। इसी बीच रात दो बजे साक्ष्य छुपाने के लिए वीरू का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं रात में ही उसकी राख समेटकर पास की ही बांसुरी नदी में बहा आए। लेकिन सुबह सात बजे पुलिस को इस पूरे घटना क्रम की सूचना मिल गई।
जिस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। जहां मांगीलाल ने पुलिस को पूरी घटना बता दी। मांगीलाल को भी उसके दूसरे बड़े भाई की नातनी ने पूरी घटना बताई थी। जिस पर पुलिस ने मांगीलाल की फरियाद पर आरोपित बाबू, महेश व महेश की पत्नी नीलम के खिलाफ मामला दर्ज किया।
दतिया से आई एफएसएल टीम को मिल साक्ष्य
घटना के बाद शाम के समय एफएसएल टीम दतिया से रामपुर पहुंच गई। जहां थाना प्रभारी पवन भदौरिया के साथ बेरखेड़ा गांव पहुंची। जहां पहले घटना स्थल पर जांच की। इसके बाद टीम नदी पर भी पहुंच गई। जहां राख को बहाया गया था। बताया जाता है कि पुलिस व एफएसएल टीम ने नदी से कुछ हड्डियां भी बरामद कर लीं हैं। जिसके बाद पुलिस अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है। वहीं सभी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही दिल्ली से आया था वीरू
दिव्यांग वीरू सहित चार भाई है। जिसमें दो भाई बाहर नौकरी करते हैं। वीरू भी दिल्ली में रहकर कामधंधा करता है। दिव्यांग होने से वीरू की शादी नहीं हुई थी। चौथे भाई महेश को ताऊ बाबू कुशवाह ने गोद ले लिया था। जिसकी वजह से वह घर में ही रहता था। वीरू कुछ दिन पहले ही अपने घर आया था। इसी बीच भाभी नीलम से उसका विवाद हो गया। जिसके बाद महेश व बाबू व नीलम ने मिलकर उसकी लाठियों से मारपीट कर दी। जिससे वीरू की मौत हो गई।
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