सिवनी। पेंच टाइगर रिजर्व के रूखड बफर के राजस्व गांव शाखोदही में मां से बिछड़ा करीब चार माह का बाघ शावक तालाब के पास बेशरम की झाड़ियों में मिला हैं। बुधवार सुबह बचाव अभियान चलाकर प्रबंधन ने पूरी तरह स्वस्थ शावक को सुरक्षित पिंजरे में कैद कर लिया है।
बीते 24 घंटे से बिछड़े शावक की बाघिन मां को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।आसपास के जंगल में बाघिन के होने का अंदेशा जताया जा रहा है। छानबीन के दौरान वन अमल को तालाब के पास बाघिन के पगमार्क या अन्य कोई निशान नहीं मिले हैं।अधिकारियों का कहना है कि यदि गुरूवार सुबह तक बिछड़े शावक की बाघिन मां नहीं मिलती है, तब शावक को कान्हा या वन बिहार भेजने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पेंच टाइग रिजर्व के डायरेक्टर देवाजे प्रसाद ने बताया कि 11 अप्रैल मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे रूखड़ बफर वन परिक्षेत्र अधिकारी शुभम बडोनिया को मोबाइल पर सूचना मिली कि रजोला बीट के राजस्व गांव साखादेही में ग्रामीणों ने तालाब के पास एक बाघ शावक को देखा है। दोपहर करीब 2.30 बजे वन परिक्षेत्र अधिकारी रूखड़ व वन अमले ने मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। बाघ शावक तालाब के पास आईपोमिया (बेशरम) की झाड़ियाें में मौजूद होने पर दोपहर करीब 3.30 बजे पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह, पेंच मोगली अभयारण्य अधीक्षक आशीष पांडे, वन्यप्राणी चिकित्सक अखिलेश मिश्रा को इसकी सूचना दी गई।ग्रामीणाें की भीड़ एकत्रित होने की संभावना के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने पुलिस व राजस्व अमले को मौके पर बुलाया गया।
रात भर तैनात रहा वन अमला
वन परिक्षेत्र अधिकारी रूखड़ के नेतृत्व में दल गठित कर तालाब के आसपास पूरे इलाके में सघनता से सर्चिंग की गई।किंतु कहीं भी अन्य किसी वयस्क बाघ, बाघिन के पगमार्क या अन्य कोई साक्ष्य नहीं मिले। वन अमला पूरी रात क्षेत्र में निगरानी करने में लगा रहा।तालाब के आसपास कैमरा ट्रेप लगाकर सुबह तक बाघिन के लौटने की प्रतीक्षा करने का निर्णय लिया गया।सुबह कैमरा ट्रेप में अन्य वयस्क बाघ अथवा बाघिन दिखाई नहीं दिया।जबकि बाघ शावक की मौजूदगी झाड़ियों के बीच पाई गई।
जाल फेंककर शावक को किया कैद
बाघ शावक की सुरक्षा के मद्देनजर 12 अप्रैल बुधवार सुबह 5 बजे तक वन्यप्राणी चिकित्सक की मौजूदगी में वन अमले ने बचाव अभियान प्रारंभ किया।अधिकारियों की मौजूदगी में वन्यप्राणी चिकित्सक ने बाघ शावक को बिना निश्चेत किए जाल की सहायता से स्वस्थ अवस्था में पिंजरे में कैद किया।बाघ शावक पूरी तरह सुरक्षित है, जिसे बाघिन से मिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
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