उज्जैन। वर्षों बाद कृषि उपज मंडी में गेहूं की बहार देखी जा रही है। उज्जैन जिले में बंपर उत्पादन के बाद मंडी में गेहूं की आवक से व्यापारी अचंभित हैं। मंडी प्रशासन व्यवस्था नहीं संभाल पा रहा है। दो दिन से प्रांगण में बार-बार जाम की स्थिति बन रही है। नीलामी बाद ट्रालियों को तौल स्थल पर जाने में काफी समय लग रहा है। इलेक्ट्रानिक तौलकांटे पर ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतार लग रही है। दो दिन में करीब 75 हजार बोरी की नीलामी की गई। सुबह से शाम तक जारी नीलामी के बावजूद सैकड़ों ट्रालियां नीलामी से वंचित रह गई। जिनका नंबर 12 घंटे बाद दूसरे दिन आएगा। बीते 3 से 4 साल बाद कृषि मंडी में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है।
6 हजार बोरी गेहूं बिना नीलामी के रह गया
गेहूं के बंपर उत्पादन व आकर्षक भाव ने किसानों को निहाल कर दिया है। मंडी नीलामी में अधिकतम गेहूं 2000 से 2100 रुपये क्विंटल बिक रहा है। चमक वाले गेहूं के भाव 2500 से 3200 रुपये क्विंटल मिल रहे हैं। इस भाव में किसान घर या गोदाम में रखने की बनिस्बत बिक्री करना ज्यादा पसंद कर रहा है। चार दिन के अवकाश के बाद सोमवार व मंगलवार दो दिन के दरमियान मंडी में करीब 2500 ट्रैक्टर ट्रालियां व लोडिंग वाहनों का जमावड़ा हो चुका है। आवक सतत जारी है। मंगलवार को भी करीब 40 हजार बोरी की आवक रही। 34 हजार बोरी बिक पाई। करीब 6 हजार बोरी गेहूं बिना नीलामी के रह गया। जो सुबह नीलामी में बिकेगा।
अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे
संभाग में आय अर्जित करने में अव्वल कृषि मंडी में सीजन के हिसाब से व्यवस्था पूर्णतः चरमरा रही है। प्रशासन मुख्य सड़कों, व्यापारियों के गोदाम जाने वाले रास्तों पर पसरा गैर कृषि कारोबारियों, गैरेजों के अतिक्रमण को नहीं हटा पा रहा है। जिससे जाम की स्थिति बन रही है। नीलामी स्थल पर भी सुरक्षाकर्मियों के अभाव में देर रात को आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियां लाइन से नहीं लग पा रही है। जिससे नीलामी के बाद यातायात बिगड़ने लगता है। प्रांगण में भी जहां चाहे वहां खाली ट्रक, ट्रैक्टर खड़े कर जाम की स्थिति बनाते हैं। मामले में सचिव उमेश बसेडिया शर्मा ने बताया कि लंबे अवकाश के बाद आवक का दबाव बन जाने से थोड़ी व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। गैर कृषि कारोबारी व गैरेज संचालकों के अतिक्रमण को तत्काल हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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