विनोद साहू बाड़ी रायसेन
अति प्राचीन नगरी संतों के तप स्थलों के रुप में पहचाती जाती ।नर्मदा पुत्र सदगुरू भैया जी महाराज जो माँ की साधना में इतने लीन हो गये कि उन्होंने अपने शरीर को चलायमान रखने के लिए महज नर्मदा जल ही ग्रहण करने लगे और इसी जल से माँ नर्मदा मैंया ने इतने पोषकतत्व दिए कि उन्होंने जल के दमपर नंगे पैर माँ नर्मदा जी परिक्रमा की ..उनकी इस कठोर तप साधना से सम्पूर्ण नर्मदा क्षेत्र के साथ ही सदगुरू की भक्ति और तेजस्वी रुप का दर्शन करने के लिए जनता उमड़ पड़ती हैं
बकतरा ब्रिज पर की अगवानी
भैया जी महाराज शाहगंज मार्ग से बाड़ी पहुँचने पर भक्तों ने बकतरा ब्रिज के नीचे उनकी डीजे व बैड़बाजे के साथ पुष्प वर्षा कर अगवानी की और हिंगलाज माता मंदिर पहुँचे जहाँ आदिवासी आश्रम के छात्र-छात्रों ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। माता हिंगलाज के दर्शन पश्चात सदगुरू महाराज श्रीराम जानकी खाकी अखाड़ा मंदिर में भगवान श्रीराम जानकी मंदिर में शीश नबाकर आशीर्वाद लिया .नीचे उतरकर धूनी की पूजा की ।