किराए के कमरें में आंगनबाड़ी,टूट चुकी है तालाब की नहर
धीरज जॉनसन
मप्र के दमोह जिले के अधिकांश गांव आज भी विकास की राह देख रहे है जहां मूलभूत सुविधाएं ही नहीं पहुंची है और उन्हें सड़क,पानी,स्कूल अन्य योजनाओं से लाभान्वित होने का इंतजार करना पड़ रहा है।शहर से लगभग 30 किमी दूर कटनी मार्ग पर मुहली ग्राम पंचायत के पंडा गांव में पहुंचने के लिए लगभग ढाई किमी ऊबड़-खाबड़रास्तों से जाना पड़ता है। गांव में न तो सड़क है और न ही नाली बनाई गई है। निकट ही एक तालाब है पर नहर टूट जाने के कारण पानी बर्बाद हो जाता है।
एक प्रायमरी स्कूल है जहां 57 बच्चें दर्ज है इसके आगे की पढ़ाई के लिए 8 किलोमीटर दूर जंगलों से पैदल जाना पड़ता है जिस कारण से बच्चें स्कूल नहीं जाते है। गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भी किराए के कमरे से संचालित हो रहा है।
गांव के मंगलसिंह,रूपसिंह, संतोष,नारायण,हल्कू, गनपत बताते है कि गांव में अब तक विकास नहीं हुआ, शौचालय,कुटीर नाममात्र को बनाये गए है,सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिला। करोड़ी यादव ने बताया कि सामुदायिक भवन भी नहीं है औऱ सोलर पैनल भी नहीं लगाए गए,जबकि यह इलाका जंगल और पहाड़ के मध्य है।
गांव के पास एक तालाब है पर उसकी नहर टूट जाने से पानी भी बर्बाद हो जाता है, जिसकी मरम्मत नहीं कि गई है।राशन,अस्पताल के लिए लगभग 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गांव से ढाई किमी तक कच्चा मार्ग होने के कारण मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में बहुत परेशानी होती है। चंद्राणी,किरण ने बताया कि मिडिल स्कूल दूर है बड़े बच्चों को नहीं भेजते है,कुटीर भी आवंटित नहीं हुई। प्रायमरी स्कूल के शिक्षक जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि 57 बच्चों का एडमिशन है, छात्रों को पिछले साल की स्कूल ड्रेस मिली है इस वर्ष वाली ड्रेस नहीं मिली।
आश्चर्य यह है कि ग्रामीण विकास के लिए लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद गांवों तक सुविधाएं नहीं पहुंचती है और उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज होना पड़ता है।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन