प्रदेश की जनता नाम नहीं, अब सरकार ही बदलना चाहती है
नाम बदल कर गुमराह करने वालों के नाम के आगे आगामी चुनाव में
‘हरल्ला’ लगाएगी प्रदेश की जनता: नरेंद्र सलूजा
भोपाल।मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने शहरों के नाम बदलने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा शहरों के नाम बदले हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन नाम बदलकर भजपा प्रदेश की जनता को गुमराह करने का व अपनी नाकामियों को छुपाने का प्रयास कर रही है।
सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तर्ज पर नाम बदलकर गुमराह करने की राजनीति में लग गई है। क्योंकि उन्हें पता है कि पिछले 17 वर्षों में उन्होंने एक भी विकास का ऐसा कार्य नहीं किया है, जिससे प्रदेश या प्रदेश के किसी भी शहर का नाम देश भर में रोशन हुआ हो। उल्टा मध्यप्रदेश तो महिलाओं पर अत्याचार, किसानों की आत्महत्या, युवाओं की बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कुपोषण आदि को लेकर देशभर में पहले से ही बदनाम है। इसलिए भाजपा नाम बदलने की राजनीति में लग गयी है।
सलूजा ने कहा कि होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया है, अच्छी बात है, लेकिन क्या भाजपा सरकार अब यह संकल्प लेगी कि मां नर्मदा के नाम पर रखे गये इस जिले में अब मोक्षदायिनी मां नर्मदा नदी अवैध उत्खनन से छलनी नहीं होगी? जिस नर्मदा नदी के किनारों पर शराब प्रतिबंधित की गई थी, जो आज बेरोकटोक बिक रही है, क्या उस पर लगाये गये प्रतिबंध पर अब अमल होगा? नर्मदा किनारे 6.5 करोड़ पौधारोपण के नाम पर जो घोटाला किया गया है, क्या उसके दोषियों पर अब कार्यवाही होगी?
सलूजा ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता अब नाम नहीं, सरकार बदलने का मन बना चुकी है। नाम बदलने की राजनीति कर जनता की आंखों में धूल झोंकने वालों एवं गुमराह कर अपनी नाकामियों को छुपाने वालों को जनता जवाब देने के लिए अब कमर कस चुकी है, भविष्य में वो इन्हें चुनाव हराकर इनके नामों के आगे अब ‘हरल्ला’ लगायेगी।
सलूजा ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि भोपाल क्या नाम बदलने की भी मांग भाजपा नेताओं द्वारा उठायी गई है तो वह यह स्पष्ट करें कि क्या भोपाल का नाम किसी गुलामी का प्रतीक है? उन्होंने कहा कि भोपाल का प्राचीन नाम भूपाल था अर्थात भू-भूमि, पाल -दूध। भाजपा को नाम बदलने की राजनीति छोड़ काम पर व इन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने की ज्यादा आवश्यकता है, जिससे देश में, मध्य प्रदेश एवं हमारे इन शहरों का नाम स्वतः ही रोशन हो। जिस तरह से भाजपा के नेताओं में नाम बदलने को लेकर होड़ व प्रतिस्पर्धा चल रही है, उससे लगता है मध्य प्रदेश का कोई एक भी ऐसा शहर, गांव, कस्बा या मोहल्ला नहीं बचेगा, जिसका नाम बदलने की मांग भाजपा नेता आने वाले समय में ना करें।