पानीपत से लापता युवक की UP हुई हत्या, साढ़े 7 लाख के लिए मौलवी दिलशाद ने मौत के घाट उतारा, फिर कैराना के मकान में गड्डा खोदकर दफनाया शव
हरियाणा (Haryana) के पानीपत शहर के इमाम साहब मोहल्ला से 4 दिन पहले लापता 28 वर्षीय लकड़ी के मिस्त्री और मौलवी की उत्तर प्रदेश ले जाकर हत्या कर दी गई। हत्या की वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी 65 वर्षीय उसका उर्दू उस्ताद और साथी मौलवी दिलशाद (Maulvi Dilshad) ही है।
आरोपी ने साढ़े सात लाख रुपए की लालच में मृतक वसीम पर जींद की एक महिला से गलत काम करने का आरोप लगाकर हत्या की। मामला का खुलासा तब हुआ, जब मृतक के फोन से उसके भाई के वॉट्सऐप पर शव की फोटो और मैसेज गए। शक के आधार पर पुलिस ने साथी मौलवी से सख्ती से पूछताछ की। इसके बाद मंगलवार को पानीपत पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार की मौजूदगी में कैराना में रेता वाला मोहल्ला के निर्माणाधीन मकान में दबे शव को बरामद किया।
शव को पानीपत सिविल अस्पताल लाया गया। जहां बुधवार को उसका पोस्टमार्टम होगा। जानकारी देते हुए कल्लन ने बताया कि वह इमाम साहब मोहल्ला, जाटल रोड का रहने वाला है। उसका छोटा भाई 28 वर्षीय वसीन भी लकड़ी का काम करता था। 31 दिसंबर की सुबह करीब 8 बजे वह काम के लिए गया था। इसके बाद से वह लापता था। भाई ने बताया कि 1 जनवरी शाम 6:12 बजे वसीम के नंबर से उसके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया।
मैसेज में वसीम के शव की फोटो थी। उस मैसेज लिखा था कि हम जींद से बोल रहे हैं। तुम्हारे भाई ने हमारी लड़की के साथ गलत काम किया था, इसलिए हमने उसे मार दिया है। वसीम ने लड़की से 7 लाख 35 हजार रुपए भी ले लिए थे। मरते हुए वसीम ने अपने भाई का नंबर दिया है। अब ये रुपए उसके भाई से वसूले जाएंगे।
आरोपी 65 वर्षीय दिलशाद कांधला का रहने वाला है। उसकी करीब 7 साल से वसीम के साथ जान पहचान है। इसी पहचान के चलते दिलशाद अक्सर वसीम के घर भी आता था। यहां आने के दौरान दिलशाद की वसीम की किसी महिला के साथ दोस्ती हो गई थी। वहीं, उसे यह भी पता लग गया था कि वसीम की जींद निवासी एक महिला अध्यापिका के साथ दोस्ती है। अध्यापिका ने वसीम को हाल ही में करीब 7.50 लाख रुपए दिए थे। जिन रुपयों पर दिलशाद की नजर थी।
दिलशाद वसीम को काम के बहाने कैराना ले गया। वहां निर्माणाधीन मकान में उसे बैठा दिया। मौका पाकर दिलशाद ने वसीम के सिर पर कस्सी के डंडे से ताबड़तोड़ वार कर दिए। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह बैड के गद्दों का चेन वाला कवर लेकर आया। उसने शव को इस कवर में डाला। चेन छाती तक बंद कर थी। शव का मुंह खुला छोड़ दिया था। इसके बाद उसने मकान में खुदवाए गड्ढे में दफना दिया था।
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