रायसेन की रामलीला ::भगवान राम लक्ष्मण ने किया मेघनाथ का बध, पति के वियोग में सती हुई सुलोचना, प्रसंग को सुन भावुक हुए दर्शक
कड़ाके की सर्दी और शीत लहर के बीच रामलीला देखने पहुंचे दर्शक, चरम पर पहुंची रायसेन की रामलीला
सी एल गौर रायसेन
रामलीला महोत्सव के चलते कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के बीच रामलीला में भगवान राम लक्ष्मण और लंकापति रावण के पुत्र मेघनाथ का घनघोर युद्ध देखने के लिए एवं सती सुलोचना का मार्मिक प्रसंग की प्रस्तुति देखने मंगलवार को बड़ी संख्या में दर्शक रामलीला मैदान पहुंचे।
प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार लंका में जब रावण अपने दरबार में बैठे होते हैं और उन्हें इस बात की चिंता होती है कि धीरे-धीरे उनके परिवार के सभी सदस्य युद्ध मैदान में मारे जा रहे हैं अब आगे क्या होगा, इस प्रकार से सभा करते हैं और मेघनाथ अपने पिता श्री रावण से रणमैदान में जाने के लिए आज्ञा मांगते हैं तो रावण कहता है कि अब तो मुझे ही युद्ध करने के लिए जाना पड़ेगा तुम घर पर ही रहो परंतु मेघनाथ गुस्से में आ जाता है और कहता है कि पिताश्री आप मुझे आज्ञा दें मैं विजय श्री पाकर लौटूंगा इस प्रकार से वह अपनी पत्नी सुलोचना के पास पहुंचते हैं जहां सुलोचना उन्हें बार-बार समझाती है कि है स्वामी युद्ध मैदान में मत जाइए आप यहीं रहिए इस में ही भलाई है परंतु मेघनाथ नहीं मानता है इसके बाद सुलोचना उनकी आरती उतारकर और युद्ध मैदान में जाने के लिए सहमती दे देती हैं, इधर मेघनाथ अपनी सारी सेना को लेकर श्री राम की सेना के सामने पहुंचता है और मैदान में लड़ने के लिए ललकारता है ।
इधर भगवान राम की सेना भी मेघनाथ की सेना को आते देख युद्ध मैदान में उतर आती है इस बीच दोनों ही ओर से घनघोर युद्ध होता है संग्राम देखने लायक था काफी देर तक भगवान राम लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच युद्ध चलता है मायावी मेघनाथ तरह-तरह की माया चलाता है सभी प्रयोग कर लिए परंतु भगवान श्री राम की माया के आगे उसकी नहीं चलती है तो फिर रावण के पास पहुंचता है और सारी बात सुनाता है रावण से आज्ञा लेकर कहता है कि अब भले ही रण मैदान में मर जाऊं या जीत कर आऊ ऐसा प्रण कर युद्ध मैदान में डटा रहता है परंतु अंत में जाकर भगवान राम लक्ष्मण मेघनाथ को मार देते हैं। इधर जब एक भुजा मेघनाथ की उनकी धर्मपत्नी सुलोचना के घर जाकर गिरती है तो इस भुजा को उनकी दासी देखती हैं और यह संदेश सुलोचना को देती है इसके पश्चात जब सुलोचना अपने पति की भुजा और कटा हुआ सिर देखती है तो बहुत दुखी होती हैं और विलाप करते हुए कहती हैं कि मैंने स्वामी मेघनाथ से जाने से पहले ही मना किया था कि तुम श्री राम से युद्ध करने के लिए मत जाओ घर पर ही रहिए इस में ही भलाई है परंतु वह नहीं माने अंत में जाकर मेरे पति मारे गए। इस प्रकार से बहुत रोती बिलखते हुए सुलोचना दासियों के सामने अपनी व्यथा सुनाती हैं। इस मार्मिक प्रसंग की लीला को सुनकर रामलीला मैदान में मौजूद दर्शक भी भावुक हो जाते हैं। इस प्रकार से रामलीला मैदान में मेघनाथ वध एवं सती सुलोचना का आकर्षक प्रसंग कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसकी जितनी सराहना की जाए उतनी ही कम है इस दौरान मेघनाथ की भूमिका आदित्य शुक्ला एवं सुलोचना की भूमिका में पंडित दुर्गा प्रसाद शर्मा ने शानदार अभिनय किया उनके अभिनय की सभी ने सराहना की।
रामलीला में बुधवार को होगा पाताल लोक के राजा अहिरावण का वध
रामलीला के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को लंकापति रावण के भाई अहिरावण का वध किया जाएगा, इस प्रसंग की लीला का मंचन कलाकारों द्वारा मैदान में किया जाएगा जो कि देखने लायक रहेगा सभी धर्म प्रेमियों से रामलीला देखने एवं धर्म का लाभ उठाने की अपील मेला समिति के सभी पदाधिकारियों ने की है।