आगामी 15 दिसंबर से होगी रामलीला मेले की शुरुआत तैयारियां शुरू
सी एल गौर रायसेन
आगामी 15 दिसंबर से शुरू होने जा रहे 100 वर्ष पुराने श्री रामलीला मेले के आयोजन को लेकर रामलीला मैदान में व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है इसी परिपेक्ष में क्षेत्र के भाजपा विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने बुधवार को 3:30 बजे रामलीला मैदान पहुंचकर औपचारिक तौर पर निरीक्षण किया एवं मौके पर मोजूद अधिकारियों को निर्देश दिए। कुछ देर रुकने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी प्रशासनिक अधिकारियों के काफिले के साथ सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए। इस दौरान उनके साथ रामलीला मेला ट्रस्ट के अध्यक्ष कलेक्टर अरविंद दुबे, रामलीला आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सविता सेन, भाजपा नेता जमुना सेन, सीएमओ नगर पालिका श्री सिंह सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं रामलीला समिति के पदाधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे ।
इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी से रामलीला मैदान का भ्रमण कर निरीक्षण के लिए आग्रह किया परंतु समय अभाव के कारण वह कुछ देर ही रामलीला मैदान पर रुके और थोड़ी देर पश्चात सर्किट हाउस रवाना हो गए।
100 साल पुराना है रामलीला मेले का इतिहास
जिला मुख्यालय स्थित श्री राम लीला मेले के आयोजन की शुरुआत विगत वर्ष 1919 में नवाबी शासनकाल के दौरान शुरू हुई थी जो कि अभी तक लगातार प्रतिवर्ष आयोजन जारी है । इस रामलीला मेरा ट्रस्ट समिति के पूर्व से ही अध्यक्ष के रूप में कलेक्टर नियुक्त हैं इसके अलावा रामलीला मेले के आयोजन के लिए कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा रामलीला मेले का आयोजन एवं संचालन कराया जा रहा है जो अभी तक जारी है। रामलीला मेले में स्थानीय कलाकारों के द्वारा रामलीला की जाती है और मैदानी मंचन होता है जिसे देखने के लिए आसपास सहित दूरदराज के ग्रामीण भी रामलीला देखने आते हैं आगामी 15 दिसंबर से रामलीला मेले की शुरुआत की जाएगी जिसे लेकर रामलीला मैदान में तैयारियां शुरू हो गई है।
लीला के लिए रामलीला मंच का हो रहा जीर्णोद्धार
रामलीला मैदान स्थित रामलीला करने के लिए मंच का सौंदर्य करण एवं जीर्णोद्धार का काम तेजी के साथ चल रहा है, रामलीला मैदान में भी समतलीकरण का कार्य जेसीबी मशीन आदि से कराया जा रहा है। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी दूरदराज क्षेत्रों से मेले में अभी से झूला आना प्रारंभ हो गए हैं आगामी सप्ताह तक और भी झूले एवं आइटम आना शुरू हो जाएंगे।
रामलीला मेले के रामलीला मेले के रहते हैं मुख्य आकर्षण का केंद्र
रायसेन की बरसों पुरानी रामलीला मेले की ऐतिहासिक परंपरा के तहत यहां लगभग 24 दिनों तक तुलसीकृत रामायण, श्री रामचरितमानस पर आधारित लीला स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है, जिसमें श्री राम जन्म से लेकर लंकापति रावण के मरण, भगवान राम के राजतिलक तक की लीला का मंचन शानदार तरीके से किया जाता है। इसके अलावा श्री रामलीला मेले के दौरान निकलने वाली विशाल भगवान श्रीराम बारात भी शहरवासियों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहती है भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की सड़कों के दोनों तरफ भीड़ जोड़ती है
यह नजारा देखे नहीं बनता, रामलीला मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र यहां की मैदानी रामलीला आकर्षक झूले नाम झूला एवं सामग्री की दुकान है जो कि मैं लेती शान बढ़ाती हैं इसके अलावा रावण वध के दिन जय महावीर की विशाल शोभायात्रा भी निकाली जाती है जो कि हजारों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु रहती है। रावण वध के दिन लंकापति रावण का विशालकाय पुतले का दहन भी किया जाता है जो आकर्षण का केंद्र बना रहता है । इसके अलावा रामलीला मेले की यह खूबी है कि यहां गंगा अवतरण की कथा का मंचन प्राचीन मिस्र तालाब के किनारे गंगा रूपी स्वरूप को दिखाते हुए मिश्र तालाब रूपी गंगा को भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता जी को भक्त केवट अपनी लकड़ी की नाव में बैठा कर गंगा पार लगाता है । इस गंगा अवतरण को देखने के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं जो कि बहुत ही कम स्थानों पर इस प्रकार की लीला का मंचन होता है कि रामलीला के दौरान जब राम वन गमन की लीला का मंचन होता है तो यहां भगवान को नाव में बिठाकर केवट द्वारा गंगा पार कराई जाती है यह लीला आकर्षण का केंद्र यहां के श्रद्धालुओं के लिए रहती है।