–थाने ने बदल दिया वारदात का स्वरूप ही
-थाना प्रभारी की शिकायत एसपी को की
-आदिवासी न्याय मांगने एसपी ऑफिस पहुंचे
-108 बुलाने को 181 पर करना पड़ी शिकायत
शिवपुरी । सुभाषपुरा थाना अंतर्गत आने वाले गाँव कलोथरा में सार्वजनिक स्थान पर पानी भरकर लौट रही आदिवासी महिला के साथ हुई छेड़खानी के बाद दबंग लोगों ने एकजुट होकर आदिवासी महिला व उसके परिजनों की बेरहमी से बंदूक की बट व लाठीयों से मारपीट कर डाली घटना मे दो लोगों के हाथ टूट गए वहीं 4 महिला पुरुष गंभीर घायल हो गए हैं । इस मामले मे चौकाने वाली बात ये सामने आई कि पुलिस ने आरोपियों का बचाब करते हुये घटना का स्वरूप ही बदल दिया। मामले मे छेड्खानी व गंभीर धारों मे मामला दर्ज न करते हुये सामान्य धाराओं में मुकदमा कायम कर दिया गया ,साथ ही जब आदिवासियों पर हमला हो रहा था तो उस समय काफी फोन करने के बाद भी न तो डायल 100 पहुंची और न ही थाने से पुलिस उन्हे बचाने पहुंची । इस मामले की शिकायत आज पीढ़ित महिला व उसके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय व सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन को की है ।
पुलिस अधीक्षक को सोंपे आवेदन में आदिवासी महिला ने बताया कि दिनाक 3 नवंबर को सुबह लगभग 9 बजे गाँव के हेंड पंप से पानी भरकर जब घर की ओर लौट रही थी तभी गाँव का दबंग रघुबर धाकड़ पुत्र रामप्रकाश धाकड़ अपनी मोटर साइकल से आया और रोककर सीटी बजाते हुये उसका हाथ पकड़ लिया, जिससे पानी की तमेडी सिर से गिर गई और वह मदद मांगने चिल्लाई पुकार सुनकर पति मिथुन आदिवासी ,ससुर सभाराम, देवर संजय ताऊ ससुर दयाली वहाँ आए व बोले कि क्या हुआ जिस पर प्रार्थिया ने घटना से अवगत कराया ।
महिला ने बताया कि उन्होने उसे समझाया तो रघुबर गालियां देने लगा और बोला सहरिया वालों तुम्हारे होश अभी ठिकाने लगाता हूँ , इसके बाद रघुबर ने अपने परिवार वालों को बुलाया । कुछ ही समय में रामप्रकाश धाकड़ ,विनोद धाकड़ ,भागीरथ धाकड़, राधा किशन धाकड़ लाठी व बंदूक लेकर आए और आते ही उसको जमीन पर पटक दिया ,जब प्रार्थिया के परिजनों ने विरोध किया व बचाया तो बंदूक की बट व लाठीयों से हमला कर दिया । बुरी तरह मर्णासन्न अवस्था मे छोड़कर उक्त हमलावर बोले थानेदार हमारा नातेदार है । जाओ सालो तुम अब ऐसे ही लात खाने लायक हो ।
– सूचना पर न डायल 100 पहुंची और न थाना पुलिस
महिला ने बताया कि घटना की सूचना सुभाषपुरा थाने पर दी तो थाना पुलिस गाँव मे नहीं आई ,डायल 100 भी वहाँ नहीं आई । तब 181 लगाई तो 108 एंबूलेंस 2 घंटे बाद आई ॰ ऑर हम सभी घायलों को लेकर सतनबाड़ा अस्पताल पहुंची । जिसके बाद पुलिस भी 2 घंटे बाद आई और हमें सुभाषपुरा थाने ले गए ।
– पुलिस ने घटना ही बदल दी
आदिवासी महिला ने बताया कि जो घटना हमने बोली वो पुलिस ने नहीं लिखी ऑर बोले हम अपने हिसाब से बनाएँगे ज्यादा मुँह मत चलाओ इसके बाद उन्होने घटना का स्वरूप अपने मन से ही बदलकर जबरन अंगूठा /हस्ताक्षर ले लिया । पुलिस ने मामूली मारपीट का मामला कायम कर लिया है । जबकि छेड्खानी व गंभीर फ्रेक्चर का मामला कायम नहीं किया ।
आज जिला मुख्यालय आए सभी पीढ़ितों ने सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन व पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत करते हुये मांग की है कि थाना सुभाषपुरा द्वारा हमारे साथ किए दुर्व्यवहार व हमारे साथ घटी घटना की रिपोर्ट सही न लिखने पर थाने की कार्यप्रणाली की जांच कर उचित कार्यवाही करें । व दबंगों प्र सख्त धाराए लगाकर उन्हे दंडित कराने का कष्ट करें ।
–सहरिया क्रांति संयोजक बोले , अत्याचार की हद है ये
इस मामले में सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन का कहना है कि जिस पुलिस को कमजोर लोगों की दबंग, गुंडों से रक्षा करना चाहिए वो दबंगों के साथ गलबहियाँ कर रही है , इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या होगा कि मदद के लिए न पुलिस पहुंची न डायल 100 और तो ओर 108 एम्बूलेंस भी 2 घण्टे बाद कलोथरा तब पहुंची जब आदिवासियों ने 181 पर शिकायत की। सरकार को तत्काल मामले को गम्भीरता से लेना चाहिए व सही धाराओं का तत्काल इजाफा करना चाहिए।