संघर्षों के बाद आरटीआई में जानकारी मिली तो अनोखे अंदाज में बैलगाड़ी से ढोल नगाड़ों के साथ जानकारी लेने पहुंचे आरटीआई एक्टिविस्ट
– आरटीआई एक्टिविस्ट का अनोखा अंदाज चर्चा का विषय बना
– 9000 पन्नों की जानकारी बैलगाड़ी में लेकर कार्यालय से घर के लिए आए
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने का एक अनोखा मामला सामने आया है। इस मामले में जिले के बैराड़ नगर परिषद से सूचना अधिकार के तहत जानकारी के लिए आवेदक को लंबी खासी भागदौड़ करनी पड़ी। जब जानकारी मिली तो आवेदक बैराड़ नगर परिषद के कार्यालय में ढोल नगाड़ा और नो हजार पेज की जानकारी लेने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचे। आवेदक बैलगाड़ी से जानकारी लेकर अपने घर के लिए आए इस दौरान आवेदक ने पच्चीस हजार रुपए भी जमा कराएं।सूचना के अधिकार के जरिये सरकारी दफ्तरों से जानकारी निकलवाना हर किसी के लिए सहज नहीं है और अगर जानकारी भ्रष्टाचार से जुड़ी हो तो सम्बंधित अधिकारी या विभाग बड़ी मुश्किल से जानकारी देता है और वो भी अधूरी। ऐसा ही बैराड़ के आरटीआई एक्टिविस्ट माखन धाकड़ के साथ हुआ। पहले तो जानकारी दी ही नही ओर अपील के लिए उन्हें ग्वालियर से भोपाल तक जाना पड़ा। अब जब जानकारी मिली तो करीब 9 हजार पेज की जानकारी के लिए उनसे करीब 25 हजार रु जमा करवाये गए। इतने पैसे की व्यवस्था न होने पर कर्ज लेकर पैसे जमा किए।
संघर्ष के बाद मिली जानकारी तो बैलगाड़ी लेकर पहुंचे कार्यालय-
आवेदक माखन धाकड़ को इतने संघर्ष के बाद खाली जेब होने का दर्द तो था लेकिन जानकारी मिलने की खुशी भी थी। इस खुशी को अनोखे अंदाज से मनाने के लिए उन्होंने अपने एक परिचित की बैलगाड़ी मांगी और ₹500 में दो ढोल नगाड़े वालों के साथ नगर परिषद कार्यालय जा पहुंचे। माखन धाकड़ नगर परिषद बैराड़ कार्यालय बैलगाड़ी से पहुंचे ।