जल्दबाजी में जीवन को खतरे में डालकर मालगाड़ी के नीचे से गुजरते हैं लोग, यह जल्दबाजी कहीं जिंदगी पर न पड़ जाए भारी
–सलामतपुर स्टेशन पर मौजूद नही रहती रेलवे पुलिस
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
सलामतपुर रेलवे स्टेशन से हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां लोग जल्दबाजी में अपनी अनमोल जिंदगी को खतरे में डालने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। क्या पुरुष, क्या महिलाएं छोटे-छोटे बच्चे सहित रेलवे स्टेशन पर स्थित फुट ब्रिज की बजाए रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से बड़े ही आराम से अपनी जान को खतरे में डालते हुए आते जाते हुए नज़र आ रहे हैं। अगर इस दौरान रेलवे ट्रैक पर खड़ी ट्रेन ग्रीन सिगनल होने पर अचानक चल पड़े तो फिर इस रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से अपनी जान को खतरे में डालकर गुजर रहे शख्स का क्या हाल हो सकता है। उसकी कल्पना करके भी जिस्म में सिहरन दौड़ जाती है। बता दें कि सलामतपुर रेलवे स्टेशन से लगी हुई राजीवनगर इंद्रानगर आदिवासी बस्ती है। जहां के रहवासी दिन में कई बार अपनी जरूरत के कामों के लिए रेलवे पटरी के इस पार से उस पार आते जाते हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। हालांकि रेलवे स्टेशन पर एक साइड से दूसरे साइड जाने के लिए फुट ओवरब्रिज भी है। इसके बावजूद लोग जल्दबाजी में होते हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी ट्रेन के नीचे से निकलते हैं।
फुट ओवरब्रिज होने के बाद भी निकलते है ट्रेन के नीचे से हैं —
सलामतपुर स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण इसलिए करवाया गया था कि लोग आसानी के साथ सुरक्षित तरीके से इस और दूसरी और जा सकें। ताकि उन्हें रेलवे लाइन क्रॉस ना करना पड़े। लेकिन राजीवनगर ओर इंद्रानगर के लोग फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल नही करते हुए रेलवे पटरी क्रॉस करके आते जाते हैं। कई बार जब ट्रेक पर मालगाड़ी खड़ी रहती है तो यह लोग उसके नीचे से निकलते हैं। रेलवे पटरी पार करने के दौरान भी यह लोग रेलगाड़ी और मालगाड़ी के गुजरने का इंतजार तक नहीं करते। कई बार सिग्नल नहीं मिलने पर एक्सप्रेस और मालगाड़ी स्टेशन पर आकर खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में लोग 5 से 10 मिनिट तक रुकने की बजाए खड़ी ट्रेन के नीचे से निकलने में भी गुरेज नहीं करते हैं। जिसकी वजह से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं स्टेशन पर मौजूद ज़िम्मेदार अधिकारी भी इस और ध्यान नही दे रहे हैं।
स्टेशन पर नही रहते आरपीएफ जीआरपी के जवान– सलामतपुर स्टेशन पर रेलवे पुलिस के आरपीएफ या जीआरपी के जवान मौजूद नही रहते हैं। जबकि यह स्टेशन दिल्ली मुंबई मेन रेलवे ट्रेक के बीच में पड़ने वाला स्टेशन है।यहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब कभी कोई ट्रेन से कट जाए या आत्महत्या कर ले। उस समय भी रेलवे पुलिस भोपाल या विदिशा से मोके पर आती है। जिसमें काफी समय लग जाता है। और इतने समय तक शव रेलवे लाइनों पर ही पड़ा रहता है। वहीं आसपास बस्तियों के ग्रामीण भी अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रेन के नीचे से निकलते हैं। इतना सब होने के बाद भी रेलवे विभाग का रवैया गैरज़िम्मेदाराना बना हुआ है।
इनका कहना है।
आदिवासी बस्ती के लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी क्रॉस करके ट्रेन के नीचे से नही निकलना चाहिए। जब कि रेलवे ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए यहां पर फुट ओवरब्रिज का निर्माण भी करा रखा है। उसके बाद भी यह लोग ट्रेन के नीचे से निकलते हैं। इस पर रोक लगना चाहिए।
रघुवीर मीणा, सरपंच रातातलाई
फुट ओवरब्रिज से चढ़कर निकलने में बहुत समय लगता है। इसलिय हम लोग रेलवे लाइन क्रॉस करके निकल जाते हैं। कभी कभी ट्रेन के नीचे से भी निकल जाते हैं। इससे हमारे समय की बचत होती है।
नक्का आदिवासी, राजीवनगर।
सलामतपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस के जवान मौजूद नही रहते हैं। जिसकी वजह से होने वाली घटना या दुर्घटना के समय पुलिस समय से नही पहुंच पाती है। शासन प्रशासन को इस और ध्यान देकर समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।
दीपक अहिरवार, स्थानीय निवासी