11सौ मीटर लंबी चुनरी पगयात्रा का सैंकड़ों स्थानों पर हुआ स्वागत, थिरकते ऊंट व राधा कृष्ण नृत्य बना आकर्षक का केंद्र
-यात्रा 14 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंची खिरिया माता मंदिर
-3 थानों के 40 पुलिसकर्मी रहे सुरक्षा की दृष्टि से तैनात
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
नगर में रविवार को श्री नव दुर्गा उत्सव समिति कटसारी के तत्वाधान में विशाल चुनरी पगयात्रा एवं महाआरती का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास क्षेत्र के सैंकड़ों महिलाएं, बच्चे व पुरुष शामिल हुए।सुरक्षा की दृष्टि से 3 थानों के 40 पुलिसकर्मियों का अमला मोके पर मोजूद रहा।वहीं समिति के सदस्यों में राकेश शर्मा, चरण यादव, अभिषेक यादव, बबलू यादव, सौरभ यादव, हेमंत यादव, बंटी यादव, दीपक यादव, सुरेंद्र यादव, कपिल यादव, संजय मीणा, लालू यादव, राजू मैथिल, ऋषभ शर्मा, रोहित यादव, नीलेश यादव एवं पुजारी वीरेंद्र शामिल रहे।
विशाल चुनरी पगयात्रा रविवार सुबह 10 बजे द्वारकाधीश मंदिर से प्रारंभ होकर त्रिमूर्ति चौराहा, मेढ़की, रतनपुर गिरधारी, खामखेड़ा, बहेड़िया, धुमगिरी होते हुए मां बीजासेन खिरिया वाली माता के दरबार कटसारी पहुंची।जहां खिरिया वाली माता को ग्यारह सो मीटर लंबी विशाल चुनरी अर्पित की गई। रास्ते में लगभग सौ स्थानों पर चुनरी यात्रा का भव्य स्वागत हुआ।
एवं महाआरती के बाद यात्रा का समापन किया। विशाल चुनरी यात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष व बच्चे शामिल हुए। गौरतलब है कि नव दुर्गा उत्सव समिति कटसारी के तत्वाधान में विशाल चुनरी पगयात्रा लगातार 7 वर्षों से क्षेत्र में निकाली जा रही है।
थिरकते राजस्थानी ऊंट व राधा कृष्ण नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र–रविवार को निकाली जा रही विशाल चुनरी पगयात्रा में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी राजस्थानी ऊँट, नाचते घोड़े, नाचते हाथी, नासिक के तासे, पंजाबी ढोल, उज्जैन के अखाड़े, इंदौरी ढोल, कश्मीरी ढोल, महाकाली ताण्डव, शिव बारात, दुल-दुल घोड़ी, राधेकृष्ण नृत्य माँ काली तांडव आदि आकर्षक का केंद्र रहे।
14 किलोमीटर पैदल चलकर पुहंची ग्राम कटसारी– रविवार सुबह 10 बजे द्वारकाधीश मंदिर से शुरू हुई 11 सो मीटर लंबी चुनरी यात्रा 14 किलोमीटर पैदल चलकर मां बीजासेन खिरिया वाली माता के मंदिर में शाम 5 बजे पहुंची। रास्ते मे पड़ने वाले सलामतपुर, रातातलाई, त्रिमूर्ति चौराहा, मेढ़की, रतनपुर गिरधारी, खामखेड़ा, बहेड़िया व धुमगिरी सहित लगभग सौ स्थानों पर विशाल चुनरी यात्रा का स्वागत किया गया। चुनरी यात्रा में शामिल होने के लिए आसपास क्षेत्रों के लगभग 50 गांवों से महिलाएं, पुरुष व बच्चे सुबह से ही सलामतपुर पहुंच गए थे।