अभिषेक असाटी बक्सवाहा
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर में भगवान पालकी में विराजमान होकर जलविहार के लिए निकले। श्रवण द्वादशी के दिन नगर के राम नारायण मंदिर, बिहारी जी मंदिर एवं जगदीश स्वामी मंदिर के भगवान पालकी में विराजमान होकर शाम 4:00 बजे से नगर के मुख्य मार्ग इतवारा बाजार, बुधवारा बाजार, पाठकार मोहल्ला, मेन बस स्टैंड से होते हुए महेंद्र सागर तालाब पहुंचे। भगवान की पालकी के आगे आगे बैंड बाजों के साथ बजरंग दल अखाड़ा एवं रामराजा व्यायामशाला के अखाड़ों के कलाकार अपने कर्तव्यों के साथ भगवान की पालकी के आगे चलते रहे।
बजरंग मंडल के संगीत कलाकारों के द्वारा भगवान के भजन के साथ नित्य करते हुए लोग अपने भक्ति में मग्न दिखे। पंडित बृज किशोर दुबे ने बताया कि श्रवण द्वादशी के दिन नगर की तीनों मंदिरों के भगवान पालकी में विराजमान होकर नगर में भ्रमण करते है। श्री दुबे ने बताया कि कथाओं के अनुसार भगवान भादो के महीने में हरियाली देखने के लिए निकलते हैं भगवान की पालकी का नगर में भ्रमण होने के बाद महेंद्र सागर तालाब पहुंचकर नौका बिहार होता है नगर में जगह-जगह भगवान की पालकी की आरती भक्तों द्वारा की जाती है इस शोभायात्रा में नगर के सभी हिंदू समाज के लोग शामिल होकर धर्म लाभ अर्जित करते हैं जलविहार होने की तदोपरांत भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।