दमोह से धीरज जॉनसन
दमोह जिले के विभिन्न स्थानों पर कल-कल की ध्वनि करते झरने, सुरम्य वातावरण, जंगल-पहाड़, पुरातात्विक महत्व के स्थल और बारिश के बाद चहुँओर हरियाली सभी का मन मोह लेती है जिसे निकट से देखने के लिए लोग उन स्थानों पर अक्सर जाते है।
ऐसा ही खूबसूरत और मनमोहक नजारा इन दिनों हटा तहसील के अंतर्गत सिलापरी ग्राम के पास देखने को मिल रहा है जहां लोगों की भीड़ इस दृश्य को अपने मोबाइल में कैद करती रहती है हालांकि यह स्थान जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी की दूरी पर है परंतु ऊंचाई से गिरते झरने,पानी की फुहार,चट्टाने और पहाड़ी इलाका लोगों का मन मोह लेता है।
दमोह से छतरपुर जिले की ओर जाने पर सड़क मार्ग पर मिलने वाला यह स्थित तीन तरफ पहाड़ी से घिरा है और बहुत ऊंचाई से झरने में तब्दील पानी नीचे एक कुंड में गिरता है जिसकी फुहार बहुत दूर तक पहुंचती है यहां पहुंचने छोटे-बड़े पत्थर,चट्टान पर संभल कर चलना पड़ता है,और कुछ दूरी से ही इस झरने को ऊपर से भी देखा जा सकता है जहां छोटे छोटे झरने दिखाई देते हैं और दूर से आता पानी,निकट का गांव,सड़क और हरियाली के दर्शन होते है।
इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण बनाते है वे शैलाश्रय, जो प्राचीन काल से यहां की चट्टानों और गुफाओं में बने हुए है और आज भी इन्हें देखा जा सकता है वैसे तो प्रदेश में प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल के चित्रित शैलाश्रय प्रकाश में आए है जो पुरातन चित्रकारी पर ध्यान आकर्षित करते है व जिसमें मानव जीवन की विविध झांकियों का सजीव चित्रण भी दिखाई देता है।
यहां पहाड़ की चट्टानों और शिलाओं पर चित्र उकेरे हुए दिखाई देते हैं जो मध्यपाषाण काल और ताम्रश्मयुगीन भी माने गए है जिसमें मानव और पशु आकृतिया चित्रित है जिससे अंदाजा लगाया जाता है कि प्राचीन काल में यहां की गुफाएं,इलाका मानव का निवास और भ्रमण क्षेत्र रहा होगा।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन