दमोह से धीरज जॉनसन
दमोह जिले के इतिहास के अध्ययन से जानकारी मिलती है कि यहां भिन्न भिन्न राजघराने पूर्व में रहे है कुछ प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं। क्षेत्र के अलग अलग स्थानों पर किले,बावड़ी,नक्काशीदार कलाकृति,आकृति,पत्थर के चीरे, रॉक पेंटिंग्स इत्यादि पाए जाते है।
जिला मुख्यालय से करीब 41 किमी दूर ब्यारमा नदी के किनारे ग्राम कोटा की पहाड़ी पर आज भी प्राचीन काल के किले के भग्नावशेष देखे जा सकते है,वैसे तो यहां तक पहुंचने के लिए कोई मार्ग नहीं है पर दुर्गम रास्ते से ऊपर चढ़ना पड़ता है।वर्तमान में पहाड़ के ऊपर जाने के बाद अब यहां पेड़ों के मध्य सिर्फ किले के द्वार और दीवार दिखाई देती है वर्णित इतिहास के अनुसार यहां अलग अलग काल में राज घरानों का आधिपत्य रहा है।
इस पहाड़ी से नीचे और सुदूर तक घुमावदार पहाड़ियां, ब्यारमा नदी का बहाव और अन्य ग्रामों के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते है।यहां से कुछ दूरी पर ही प्राचीनता का प्रमाण सिंगपुर ग्राम में पत्थर के दो चीरे दिखाई देते है जिसके प्रति ग्रामीण आज भी श्रद्धा भाव रखते है।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन