अनुराग शर्मा सीहोर
जिले में राजनीतिक हवाएं बदल रही हैं। बीते कई सालों से निराशाजनक स्थिति में चल रही कांग्रेस में अचानक से उछाल आया है और जिले की चार विधानसभाओं में से तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। यह बात हम नहीं, बल्कि इन तीन विधानसभा क्षेत्र की जनता कह रही है।
जिले में बीते कुछ महीनों से घटित हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम जिनमें बुदनी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लीड 90 हजार कम होना। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा द्वारा अपना रिटायरमेंट प्लान बताना। आष्टा विधानसभा क्षेत्र में सीनियर नेताओं की अनदेखी और सीहोर विधानसभा क्षेत्र में गुटीय राजनीति, इसे लेकर हमने जिले की चारों ही विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे किया। इस दौरान करीब 100-100 लोगों से बातें की और उनकी राय जानी
इस सर्वे के दौरान व लोगों की राय के अनुसार जिले की तीन विधानसभाओं में कांग्रेस मजबूत स्थिति में नजर आई। हालांकि अभी विधानसभा चुनाव को महज डेढ़ साल ही हुए और साढ़े तीन साल का लंबा समय बचा है। अब देखना यह बड़ा दिलचस्प होगा कि अपनी बढ़ती लोकप्रियता को कांग्रेस कायम रख पाती है या फिर वही ढांक के तीन पात….
सीनियर-जूनियर की चुनौती
हालांकि कांग्रेस में भी स्थिति ठीक नहीं है। अंदरखाने बताते हैं कि पार्टी के अंदर सीनियर-जूनियर लॉबी चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस के युवा नेताओं को अनुभवी नेताओं का वह साथ नहीं मिल रहा, जो उन्हें मिलना चाहिए। बावजूद जिले में कांग्रेस के युवा चेहरे जिले में पार्टी के प्रति माहौल बनाने में जुटे हैं। विरोध प्रदर्शन, सीएम का पुतला दहन सहित जिले के स्थानीय भाजपा नेताओं को लेकर कांग्रेसी नेता भी अब मुखर होने लगे हैं।