सुरेंद्र जैन रायपुर
खरोरा । तिल्दा ब्लाक के ग्राम पंचायत माँठ में श्रीमद भागवत महापुराण का आज सप्तम दिवस में कथा वाचक राष्ट्रीय भगवताचार्य बाल विदुषी सुश्री छमानिधि जी द्धारा अनन्य विवाह ( 16108) सोलह हजार एक सौ आठ भगवान श्रीकृष्ण की पत्नियां थी जो भगवान श्रीकृष्ण की लीला के पात्र थी जिसमे एक एक पत्नियां वेद के मंत्र थीं। गया स्यामंतक एक बहुत शक्तिसाली और मनमोहक मणि थीं जब सत्राजित ने इसे अपने गले मे पहना तो वे स्वमेव सुर्यदेव की तरह तेजस्वी लगने लगा यह मणि अपने साधक को प्रतिदिन आठ भार सोना प्रदान करती थी इस प्रकार इस मणि को धारण करके सत्राजित बहुत अमीर हो गया सत्राजित संदेह हुआकी श्रीकृष्ण इस मणि को छीन लेंगे इस लिए उसने इसे अपने भाई प्रसेन को पहना दिया
सुदामा चरित्र का वर्णन झांकी के माध्यम से बताया गया की मित्रता मेनाही कोई भेद भाव और नाही उचनीच का विचार मन में आता हैं भगत का अटूट परिश्रम और धृण संकल्प देख भगवान के आंख से आशू निकल पड़े।
यह भागवत समस्त ग्राम वासी के सहयोग एवम श्रीमद् भागवत सेवा समिती ग्राम माठ जिनमें सदस्य अध्यक्ष धन्नू वर्मा उपाध्यक्ष श्रवण पाल कोषाध्यक्षहेमन्त वर्मा सचिव कामेश्वर पाल सदस्यण किशोर पाल राजू पाल नंद किशोर धीवर पूर्णेंद्र वर्मा अनीता धीवर ओमिन पाल रामकली वर्मा सरस्वती धीवर प्रभा वर्मा दामिनी वर्मा खोरबहारीन वर्मा मालती वर्मा सावित्री धीवर मदन पाल समस्त ग्रामवासी की सहयोग से भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है