-आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे से कहा उत्तम क्षमा
अभिषेक असाटी बक्सवाहा
जैन धर्म के दसलक्षण पर्व यानी पर्यूषण पर्व की समाप्ति पर नगर में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें जैन समाज के महिलाओ और पुरुषों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
* दोनों दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई शोभा यात्रा*
शोभायात्रा का आरंभ प्राचीन मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन मंदिर (बड़ा मंदिर ) एवं पार्श्वनाथ दिगंबर जैन (छोटा मंदिर) से हुआ ! नगर में बुधवारा बाजार -अहिंसा मार्ग होते हुए शोभा यात्रा गाँधी चबूतरा पहुंची जहा पांडुकशिला पर श्रीजी का अभिषेक किया गया ! उसके बाद बस स्टैंड – बड़ा बाजार होते हुए शोभायात्रा बापिस मंदिर परिसर आई ! नगर में जगह जगह श्रद्धालुओं ने श्रीजी की आरती एवं दर्शन कर पुण्य अर्जित किया ! मंदिर परिसर में जैन धर्म के लोगो ने आपस में एक दूसरे से “उत्तम क्षमा” बोलकर क्षमा भाव प्रकट किया ! इस तरह पर्युषण पर्व समाप्त हुआ !
नगर के पत्रकार अनिल जैन बड़कुल ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पर्यूषण पर्व की समाप्ति पर इस शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसमें समाज के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। आत्मा की शुद्धि का यह त्यौहार हम जैनों की जीवन जीने की प्रकृति को सामाजिक पहचान दिलाता है ! सभी के जीवन में शांति हो ,अहिंसा का पालन करे एवं जीव दया का भाव रखे यही जैन धर्म सिखाता है !