अभिषेक असाटी बक्सवाहा
छतरपुर सागर एनएच सड़क पर ट्रक ने एक ही समय में 5 मवेशियों को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही पांचों मवेशियों की मौत हो गई जिसके बाद ट्रक अनियंत्रित हो कर पलट गया। वहीं ट्रक चालक ट्रक फरार हो गया। घटना रविवार की सुबह 4 बजे की है बकस्वाहा थाने से करीब 20 किमी दूर सेमरा पुल की बताई जा रही है।
मिली जानकारी अनुसार ट्रक up 78 DT 0795 गेंहू लेकर छतरपुर से इंदौर जा रहा था वही शाहगढ़ और दलपतपुर के बीच सेमरापुल पर मवेशियों को कुचलते हुए पलट गया जिसके बाद हाईवे बंद हो गया और यातायात ठप हो गया ग्रामीणों ने थाना प्रभारी कृपाल मार्को को सूचना दी जिसके बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने पंचायत के सहयोग से बंद हाइवे को खोलने के लिए मृत मवेशियों को जेसीबी से हटा दिया हैं।साथ ही क्रेन की मदद से ट्रक को निकाला गया आसपास के ग्रामीणों ने बताया रविवार की सुबह लगभग 4 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक ने पांच मवेशियों को कुचल दिया। फिलहाल ग्राम पंचायत ने मृत मवेशियों को सड़क पर से हटा दिया है।
बता दें कि सड़कों पर पशुपालक मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं। इसके चलते कई बार वाहन चालक, तो कई बार मवेशियों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। सरकार के सख्त आदेश के बाद ऐसी हालत बनी हुई है। वहीं बीते दिनों जिला प्रशासन के निर्देश पर पशु पालकों पर कार्रवाई शुरू करने के साथ ही आवारा मवेशियों के गले में रेडियम पट्टे भी पहनाया गया। सड़क पर घूम रहे मवेशियों को खदेडऩे के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी वही आवारा मवेशियों को गौशाला में भेजने के आदेश दिए गए थे। लेकिन बक्सवाहा जनपद सीईओ भागीरथ तिवारी के ढीले रवैए के कारण पंचायते इस ओर ध्यान नही दे रही जिसके चलते आज भी मवेशी सड़को पर देखे जा सकते है ।
आलम ये है कि जब हमने इस बारे में जनपद पंचायत सीईओ भागीरथ तिवारी से जानकारी चाही की बकस्वाहा जनपद क्षेत्र की गौ शालाओं में कितने मवेशी भेजे गए और जो नही भेजे गए वो हादसों का शिकार हो रहे है इसका जिम्मेदार कोन तो उन्होंने कहां सड़क पर जो मवेशी हैं वो पालतू है अब सवाल ये खड़ा होता है की जब जनपद पंचायत ने मुनादी करवादी की पालतू पशुओं को सड़को पर न छोड़े उसके बाद कैसे संभव है बरहाल मामला जो भी हो उसमे पांच बेजुवन मवेशियों की जान चली गई
तहसीलदार भरत पांडे का कहना हे कि इस मामले को लेकर जनपद सीईओ से बात करते है साथ ही पंचायतों को एक मवेशी के 40 रुपए के हिसाब से पैसे दिए जा रहे है उसके बाद भी अगर ग्राम पंचायत ध्यान नहीं देती और शिकायत आती है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी