टीम ने परिवारजनों को समझाया सही उम्र से पहले विवाह करना अपराध है
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
करैरा परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर को अमोला के मितलोनी में 14 वर्षीय लाड़ो के बाल विवाह की सूचना मिलने पर वे सेक्टर सुपरवाइजर गीता जाटव के साथ मौके पर पहुंचीं। जहां स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सुषमा आर्य, उषा गौतम, सुधा गुप्ता, किरण पचौरी एवं आंगनबाड़ी सहायिका धनोवाई को साथ लिया और बालिका के परिजनों से उम्र के प्रमाण प्राप्त किये। जिनके अनुसार लड़की की उम्र 15 वर्ष से कम होने से परिजनों को विवाह न करने के लिए समझाया।
परिजनों ने टीम के सामने तर्क रखा कि लड़की का पिता नहीं है,मां काम पर चली जाती है। घर पर कौन उसकी रखवाली करे। इसलिए उसका विवाह करना चाहते है। टीम ने समझाया कि अगर पिता नहीं है तो बेटी का पालन पोषण करना, उसे पढा- लिखाकर जागरूक बनाना और सही उम्र में विवाह करना मां के साथ परिवार, समाज और रिश्तेदारों की जिम्मेदारी होती है। आज जैसे सभी रिश्तेदार और परिवार के लोग उसका कम उम्र में विवाह कर रहे है,वे विवाह तो बाद में भी कर देंगे। पहले उसे विवाह के काविल तो बनाओ। उसे सक्षम और सजग बनाओ अपनी रखबाली वो खुद कर लेगी।
टीम के 2 घण्टे तक समझाने के बाद परिवार उम्र पूरी होने के बाद विवाह करने को राजी हुआ। स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और पंचायत सचिव को बालिका के परिवार की निगरानी करने के लिए कहा गया है।
– परिजनों का आश्वासन- लड़का 21 का हो जाएगा तभी करेंगे विवाह
आप कहते है तो ठीक है हम तीन साल बाद विवाह कर लेंगे। पर साहब खाना बन गया है,मेहमानों को खाना तो खिला दें। खाना खिलाकर उन्हें रवाना कर देंगे। यह बात खनियांधाना थाना क्षेत्र के गांव पुरा में 18 वर्षीय लड़के का बाल विवाह रोकने पहुंचे टीम सदस्यों से उसके दादा ने कही।
बीते रोज चाइल्ड लाइन नंबर पर पुरा गांव में नाबालिग लड़के के बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर महिला एवं बाल विकास की टीम मौके पर पहुंची और उम्र के प्रमाण देखने के बाद परिजनों को विवाह न करने के लिए समझाया। जब कानून में सजा की बात बताई तो परिजन उम्र पूरी होने के बाद विवाह करने को सहमत हुए। टीम में सेक्टर सुपरवाइजर शांति इक्का, सहायक ग्रेड 3 विकास नायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राजकुमारी यादव,पंचायत सचिव साहू एवं सरपंच कमलेश राजा बुंदेला मौजूद थे।