Let’s travel together.

विद्युत अव्यवस्था से ग्रामीण हलाकान,पेयजल आपूर्ति भी ठप्प

0 132

- Advertisement -

-अंधड़ के बाद 24 घण्टे बाद चालू हुई बिजली आपूर्ति

सुरेन्द्र जैन धरसीवा

राजधानी रायपुर से लगे धरसीवा सिलतरा सांकरा में सोमबार की शाम चले अंधड़ के साथ ठप्प हुई बिजली आपूर्ति चौबीस घण्टे बाद चालू हो सकी गांवो की पेयजल आपूर्ति पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ा ग्रामीण बून्द बून्द पानी को तरस गए हालांकि दूसरे दिन दोपहर कुछ मोहल्लों में टैंकर से तो कुछ मोहल्लों में जिनके घरों में कुंआ हैं उनसे ग्रामीणो को पानी मिलने से थोड़ी राहत मिली।

सांकरा सोण्डरा में हमेशा ही विद्युत अव्यवस्था

धरसीवा के ओधोगिक क्षेत्र सिलतरा सब स्टेशन से महज एक डेढ़ किलो मीटर की दूरी पर स्थित सांकरा व सोण्डरा गांव में हमेशा ही विद्युत अव्यवस्था ग्रामीणो को रुलाती रहती है कभी बोल्टेज कम ज्यादा तो कभी कोई फेस गोल कभी घँटों बिजली गुल रहना सांकरा सोण्डरा में आम बात है हल्की बारिश या अंधड़ चलने पर तो दो दो दिन तक बिजली आपूर्ति ठप्प पडी रहती है इससे लोगो के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खराब होते रहते हैं वहीं पानी टँकी न भर पाने से पेयजल आपूर्ति भी गांव में नहीं हो पाती
अंधड़ के साथ ही बिजली आपूर्ति समूचे क्षेत्र में ठप्प हो गई थी ईई देवांगन स्वयं भी रातभर विद्युत सुधार कार्यो कराने में लगे रहे बाबजूद देर रात एक फेस चालू हुआ वह भी लो बोल्टेज होने से बिना कुलर पंखें के ही गर्मी में मच्छरों से मुकाबला करते ग्रामीणो की रात बीती वहीं सुबह नल जल आपूर्ति भी न होने से ग्रामीण पेयजल को हलाकान होते रहे दोपहर में कुछ मोहल्लों में पानी के टैंकर पहुचे जिससे उन मोहल्लों के ग्रामीणो को कुछ राहत मिली।

सुविधाएं भरपूर व्यवस्थाओं की कमी

सांकरा में यदि पेयजल आपूर्ति की बात करें तो यहां सुविधाएं तो इतनी भरपूर हैं कि ग्रामीणो को कभी भी पेयजल की कमी न हो लेकिन सुविधाओ के अनुरूप व्यवस्थाएं अब तक देखने को नहीं मिली।
सांकरा में औधोगिकीकरण के बाद से ही सीएसआईडीसी के निको के सामने स्थित बोर से पाइप लाइन द्वारा पेयजल की आपूर्ति होती थी हाइवे किनारे बाजार चोक में ग्राम पंचायत के समीप स्कूल के समीप अटल चोक के समीप आदि स्थानों पर सीएसआईडीसी के सार्वजनिक नल मौजूद थे जिनसे गांव के लोगो को पेयजल आपूर्ति होती थी वहीं सतनामी पारा सहित कई मोहल्लों में हैंडपंप भी ग्रामीणो के लिए हमेशा राहत पहुचाते थे ग्राम पंचायत भवन के पास बाजार चिपक में भी हैंडपंप से ग्रामीण हमेशा पानी भर लेते थे लेकिन डेढ़ दशक पहले पीएचई विभाग द्वारा पानी टँकी का निर्माण ओर घर घर कनेक्शन देकर पानी पहुचाने पाइप लाइन बिछाई गई और कनेक्शन दिए इसी के साथ सीएसआईडीसी के सार्वजनिक नलों ओर हैंडपंपो पर निर्भरता बहुत कम हो गई कहीं कहीं लोगों ने सीएसआईडीसी के सार्वजनिक नलों को अपने घरों के अंदर कर लिया तो कहीं कहीं उन्हें समाप्त कर दिया गया क्योकि नलजल प्रदाय योजना से ग्रामीणो को भरपूर पानी मिलने लगा था।

नलघर प्रभारी बदलने के बाद से उतपन्न हुई समस्या

तत्कालीन सरपंच राजेश वर्मा के कार्यकाल में शुरू नलजल प्रदाय योजना ग्रामीणो के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी क्योकि ओधोगिक क्षेत्र से लगे होने के कारण अधिकांश ग्रामीण ओर महिलाएं उधोगो में सुबह जल्दी काम करने जाती हैं ऐंसे में उनकी पेयजल की समस्या हल होने से उनकी एक बहुत बड़ी समस्या का निदान ओर समय की बचत होने लगी तो सुबह जल्दी पानी भरकर घरेलू काम पूरा कर ग्रामीण महिला पुरुष जल्दी काम पर भी निकल जाते थे राजेश वर्मा के बाद श्रीमती सोनिया पुनेन्द्र सरपंच बनी तब भी जलप्रदाय योजना से अंतिम छोर तक भरपूर पानी मिलता रहा क्योकि वाल्ब पूरा खोला जाता था हालांकि वाल्ब पूरा खोलने से अंतिम छोर तक सभी को भरपूर पानी तो मिलता था लेकिन प्रेशर अधिक होने से माह दो माह में कहीं न कहीं से मेन पाइप लाइन फूटने की समस्या जरूर होती थी जिसे समय पर मरम्मत भी करा लिया जाता था इसी समस्या से बचने अचानक नलघर प्रभारी को हटाकर एक प्लंबर को ही ग्राम पंचायत ने जिम्मेदारी सौंप दी ताकि पाइप लाइन फूटे या सबमर्सिबल खराब हो तो वह खुद ही उसे सुधार लें और ग्रामीणो को पानी की आपूर्ति होती रहे लेकिन हुआ इसका उल्टा ही जिसे जिम्मेदारी सौपी गई उसने कभी पाइप लाइन ही न फूटे इसके लिए वाल्ब ही कम खोलना शुरू कर दिया वाल्ब कम खोलने से पाइप लाइन फूटने की समस्या तो खत्म हो गई लेकिन अधिकांश कनेक्शनधारियों के घरों में पानी पहुचना बन्द हो गया अंतिम छोर के ग्रामीण तो दूर पचास फीट ऊंचाईं पर मौजूद पानी टँकी से समीप के कनेक्शन धारियों तक भी पानी पहुचना बन्द हो गया पाइप लाइन से जिनके कनेक्शन नीचे की तरफ जुड़े बस उन्ही के नलों में पानी पहुचता ओर निचली बस्ती में शेष मोहल्लों में नलजल प्रदाय योजना थोथी साबित होने लगी ।

निको की टँकी बनी मॉडल

ग्रामीण किसानो की लगभग 1200 एकड़ कृषि भूमि अधिग्रहण कर बने क्षेत्र के सबसे बड़े जायसवाल निको स्टील प्लांट ने ग्राम पंचायत के बाजू में एक पानी टँकी का निर्माण कराया लेकिन उसे भरने न तो बोर कराया न ही गांव के हर मोहल्ले में पाइप लाइन बिछाकर सार्वजनिक नल लगवाए परिणाम स्वरूप निको द्वारा बनवाई गई पानी टँकी सिर्फ फोकट में कंपनी के प्रचार का मॉडल बनकर रह गई हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन के कार्यालय का हुआ उद्घाटन     |     जिस राजा के राज में प्रजा दुखी होती है वाे राजा नरक का अधिकारी हाेता है – रमेश सक्सेना पूर्व विधायक     |     उड़े छप्पर गिरे पोल बिजली आपूर्ति ठप्प,अंधड़ का कहर     |     यूजर्स चार्ज का विरोध,आयुक्त को सौपा ज्ञापन     |     हिंदू नव वर्ष पर कस्बा गोहरगंज ग्राम अमोदा नयापुरा सोडलपुर में निकला पथ संचलन      |     सरकार का शानदार फैसला, ऐसे बचा सकते हैं टेक्स     |     सिरोही-जालोर सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम में शामिल, केंद्रीय मंत्री ने दिए निर्देश     |     कर्नाटक चुनाव से पहले भाजपा को झटका, चिंचानसूर कांग्रेस में शामिल हुए     |     PM आवास मुद्दे पर गरमाया सदन, मंत्री के जवाब पर विपक्ष ने किया वॉकआउट     |     IPL इतिहास में अपनी पहली गेंद पर विकेट चटका चुके हैं ये घातक गेंदबाज     |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811