ग्वालियर राजघराने के लिए अहम है गुना शिवपुरी सीट, ज्योतिरादित्य सिंधिया और यादवेंद्र सिंह में मुकाबला
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। मध्य प्रदेश की हॉट सीटों की बात की जाए तो इसमें गुना शिवपुरी सीट भी शामिल हैं। इस सीट पर भाजपा से दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से उनसे मुकाबला करने के लिए यादवेंद्र सिंह हैं।
गुना लोकसभा सीट ग्वालियर राजघराने के लिए बेहद अहम सीट है। गुना शिवपुरी सीट से सिंधिया परिवार की 3 पीढ़ियां चुनाव लड़ते आ रही हैं। साल 1957 से ही इस गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का प्रभाव का प्रभाव रहा है। 1957 में विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। साल 1967 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर विजयाराजे सिंधिया लोकसभा पहुंची।
इसके बाद माधवराव सिंधिया 1971, 1977 और 1980 में जन संघ, निर्दलीय और कांग्रेस (आई) के टिकट चुनाव जीते। 1989 से 1998 तक विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता। 1999 में भी माधवराव सिंधिया ने यहां पर कांग्रेस में रहते हुए जीत प्राप्त की। माधवराव सिंधिया की विरासत को अब उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया संभाल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 से 2014 तक कांग्रेस के टिकट पर गुना शिवपुरी सीट से सांसद बने।
गुना शिवपुरी सीट में शामिल हैं तीन जिले
राजघराने की सीट कहलाने वाली गुना शिवपुरी लोकसभा सीट में 3 जिले अशोकनगर, शिवपुरी और गुना जिले शामिल हैं। इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभाएं भी शामिल हैं। साल 2002 से 2019 तक सिंधिया इस सीट पर सांसद रहे, वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर सिंधिया की शिकस्त हुई। उन्हें भाजपा के केपी यादव ने 1 लाख मतों से हरा दिया था।