जबलपुर। मझौली थाना क्षेत्र में बाल विवाह का मामला सामने आया है। जहां, एक 13 वर्षीय किशोरी का सिहोरा थाना क्षेत्र निवासी 20 वर्षीय युवक के साथ विवाह हुआ। दोनों पक्षों ने गुपचुप तरीके से एक मंदिर में जोड़े के सात-फेरे कराए। पुजारी के साथ ही सात-फेरे लेने के लिए तैयार होने वाले युवक के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई का शिकंजा कस सकता है।
इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने पर दुल्हन के नाबालिग होने का पता चला
विवाह संस्कार के छायाचित्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने पर दुल्हन के नाबालिग होने का पता चला। इस मामले में कुछ लोगों ने प्रशासन को सूचना दी। उसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रारंभिक जांच के बाद नाबालिग दुल्हन के माता-पिता के विरुद्ध पुलिस में शिकायत की है। पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर विवेचना आरंभ कर दी है।
कटाव के एक मंदिर में विवाह संस्कार आयोजित हुआ
पनागर थाना क्षेत्र निवासी एक परिवार ने अपनी 13 वर्षीय पुत्री का विवाह सिहोरा थाना क्षेत्र निवासी एक 20 वर्षीय युवक के साथ तय किया था। दोनों पक्षों की सहमति से 18 मई को कटाव के एक मंदिर में विवाह संस्कार आयोजित हुआ। इसमें उनके स्वजन व परिचित ही सम्मलित हुए थे। इसमें बाल विवाह होने की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली तो उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में दुल्हन को नाबालिग पाया गया।
पहले कथा, फिर कहा गोना होगा
महिला एवं बाल विकास विभाग का दल मामले की जांच के लिए जब नाबालिग के घर पहुंचा तो पहले तो स्वजन ने उसे बालिका होना स्वीकार किया। उसके बाद कार्रवाई से भयभीत होकर अलग-अलग कहानी बताने लगे। विवाह संस्कार को कथा का आयोजन बताया। नाबालिग ने छायाचित्र में जोड़े में बैठे युवक को पहचानने से मना कर दिया। सख्ती करने पर माता-पिता ने कहा कि अभी विवाह किया है। बालिग होने पर बेटी का गोना करेंगे।
पुजारी और दूल्हा भी घिरे
पुलिस ने महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विवेचना आरंभ कर दी है। इस मामले में विवाह संस्कार कराने वाले पुजारी की भूमिका भी संदिग्ध है। थाना प्रभारी लवकेश उपाध्याय ने महिला बाल विकास के एक प्रतिवेदन पर बाल विवाह अधिनियम के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध करने की बात कही है।