जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए घर की साज-सज्जा बहुत जरूरी है। घर अगर स्वच्छ है तो वास्तु देवता की कृपा बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
अपने घर की दीवारों पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं, ऐसा करने से माना जाता है कि घर में देवताओं का वास होता है। हल्दी-चंदन से बना स्वास्तिक सुंदरता बढ़ाने के साथ नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखता है। घर में आक्रामक पशु-पक्षियों के चित्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे घर के सदस्यों में वैमनस्य की भावना बढ़ती है। घर की पूर्व दिशा में सूर्योदय की तस्वीर लगाएं। इससे बच्चों में ऊर्जा, उत्साह और उमंग बनी रहती है। मन एकाग्र होता है। घर के हर कोने को सुगंध से महकाएं। घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। अमावस्या के दिन घर की सफ़ाई का नियम बनाएं। जब भी घर में पोंछा लगाएं तो पानी में थोड़ी-सी हल्दी ज़रूर मिलाएं। घर के अंदर प्लास्टिक के फूल व पेड़-पौधे ना रखें। रसोईघर में रात के जूठे बर्तन रखने से व्यापार में हानि हो सकती है। रात में ही रसोईघर को साफ़ करें। शयनकक्ष में पानी न रखें। ऐसा करने से कर्ज़ व उधार की स्थिति बन सकती है।
रोज़ाना शाम को घर में कर्पूर जलाने से धन में वृद्धि होती है। कभी भी घर की तिजोरी में परफ्यूम या इत्र न रखें। अपने घर में वर्ष में दो बार हवन कराएं। इससे वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं। घर के मध्य स्थान पर कभी भी भारी समान नहीं रखें। घर के मुख्य द्वार पर गाय और बछड़े को रोटी और गुड़ खिलाएं। बुधवार के हरा चारा खिलाएं। रोजाना पक्षियों को दाने डालें। घर या बालकनी में सूखे पेड़ या पौधे नहीं रखें। हरे भरे पेड़ पौधे से घर को सज़ाएं।