-वीर शासन जयंती पर विभिन्न प्रान्तों की हजारों छात्राओं को मिला गुरुदेव का आशीर्वाद
-छात्राओं के संकल्प को सुन भर आईं थी सभी की आंखें
सुरेन्द्र जैन रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सवा सौ किलो मीटर की दूरी पर स्थित डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ में इन दिनों महातपस्वी जैनाचार्य विद्यासागरजी महामुनिराज के दर्शनार्थ हजारों की संख्या में भक्त पहुच रहे हैं मंगलवार को यहां विभिन्न प्रान्तों की प्रतिभास्थली की हजारों छात्राएं बसों से ब्रह्मचारिणी दीदीयों के साथ गुरुदेव के दर्शनार्थ पहुची इस दौरान उन्होंने आचार्यश्री की प्रातः काल संगीत के साथ पुजन करते हुए संकल्प लिया कि हे गुरुदेव हम बनाएंगे आपके सपनो का भारत बच्चियों के इस संकल्प को सुन वहां उपस्थित भक्तों की आंखे खुशी से भर आईं।
मंगलवार को चन्द्रगिरि तीर्थ में वीर शासन जयंती का पावन पर्व मनाया जा रहा था ब्रह्ममुहूर्त से ही प्रतिभास्थली इंदौर प्रतिभास्थली जबलपुर एवं अन्य राज्यों की प्रतिभास्थली की छस्त्राओ का बसों से आना शुरू हो चुका था आचार्यश्री विद्यासागरजी के मंगल आशीर्वाद से देश के विभिन्न राज्यों में छात्राओं को संस्कार आधारित शिक्षा पूर्ण सुरक्षित माहौल में दी जाती हैं जिनमे छात्राओं को अधिकांश तपस्वी ब्रह्मचारिणी दीदीयाँ ही अध्यापन कार्य कराती हैं ।
हजारों छात्राओ ने दर्शन कर लिया आशीर्वाद
आचार्यश्री के दर्शनार्थ पहुची हजारों छात्राओं ने सर्वप्रथम प्रातः काल आचार्य भक्ति की इसके उपरांत कतारबद्ध बैठकर आचार्यश्री के प्रतिभास्थली की ओर जाते समय दर्शन किये और जब आचार्यश्री प्रतिभास्थली पहुचे तब भी छात्राओं को गुरुदेव के बहुत अच्छे से दर्शन हुए व आशीर्वाद मिला।
हम बनाएंगे आचार्यश्री के सपनो का भारत
सुबह साढ़े आठ बजे से आचार्यश्री की पुजन शुरू हुई हजारों छात्राओं ने संगीत के साथ मन के भाव पावन चरणों मे समर्पित करते हुए भक्ति भाव से पुजन की तत्पश्चात छात्राओं ने अगला चातुर्मास भी प्रतिभास्थली में ही करने की कामना की यहां छात्राओं ने एक स्वर में संकल्प लिया गुरुजी आप अपना आशीर्वाद हम पर सदा बनाएं रखें हम संकल्प लेते हैं हम इंडिया से आपके सपनो का भारत बनाएंगे छात्राओं के इस संकल्प को सुनते ही लोगो की खुशी से आंखें भर आईं दरअसल आचार्यश्री के सपनो का भारत एक ऐंसा भारत है जो हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को जीवंत करता है जिसे धीरे धीरे अंग्रेजो की इंडिया ने निगल लिया है आचार्यश्री के आर्शीवाद से “इंडिया नहीं भारत बोलो” “गाय बचाओ देश बचाओ” “मांस निर्यात बन्द करो कत्लखाने बन्द करो” “हथकरघा अपनाओ स्वाबलंबी बनो” पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र आदि कई योजनाएं दिगंबर जैन समाज चला रहा है जो हमें इंडिया से भारत की तरफ ले जाने का काम कर रही हैं।
चन्द्रगिरि में दिखने लगी भारत की झलक
आचार्यश्री के आशीर्वाद से दिगंबर जैन तीर्थ चन्द्रगिरि में प्राचीन भारत की झलक नजर आने लगी हैं यहां लाल पाषाण से चन्द्रगिरि तीर्थ मन्दिर का निर्माण प्रगति पर है तो वहीं दूसरी ओर आसपास की बेरोजगार ग्रामीण महिलाओं पुरषों को चल चरखा हथकरघा केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण देकर उन्हें खादी बनांना सिखाया गया एक केंद्र से शुरू हुई हथकरघा योजना में अब तीन केंद्र स्थापित हो चुके हैं जहां आसपास की सैंकड़ों गरीब ग्रामीण महिलाएं खादी बना रही है और आत्मनिर्भरता की ओर आगे कदम बढ़ा रही हैं सबसे खास बात यह कि खादी बनाने वाली महिलाओं के परिजन भी आजीवन मांस मदिरा का सेवन त्यागकर सुख शांति से अपना व परिवार का भविष्य उज्ज्वल बना रही हैं यहिं पर प्रतिभास्थली में सैंकड़ो छात्राएं संस्कार के साथ शिक्षा प्राप्त कर रही हैं एवं गौशाला भी है जहां गौसेवा का पुण्यार्जन भी चल रहा है।