जबलपुर। शहर के डाक्टरों ने जटिल आपरेशन कर मासूम बालक व युवक की जान बचाई। खेल खेल में हुए एक हादसे में बांस की छड़ी मासूम की छाती, फेफड़े एवं पीठ को चीरते हुए बाहर निकल गई थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल शिशु शल्य क्रिया विभाग के चिकित्सकों ने दूरबीन की सहायता से अत्यंत जटिल सर्जरी कर छड़ी को बाहर निकाला। वहीं सड़क हादसे में युवक के दाएं पैर का पंजा कटकर शरीर से लगभग अलग हो चुका था। पीजी मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल के चिकित्सकों ने आपरेशन कर पंजे को जोड़ दिया। स्ट्रेचर पर लाया गया युवक अपने पैरों पर चलकर अस्पताल से बाहर निकला।
पेड़ से गिर गया था बालकः
दमोह निवासी चार वर्षीय बालक गांव में रहने वाले कुछ हम-उम्र बालकों के साथ खेल रहा था। खेल खेल में वह पेड़ पर चढ़ गया। कुछ देर बाद अनियंत्रित होकर पेड़ से गिर पड़ा। जमीन पर पड़ी बांस की छड़ी उसके बाजू को चीरते हुए पीठ से बाहर निकल गई। छड़ी का एक हिस्सा बालक के शरीर में फंसा रहा। हादसे में फेफड़ों, छाती व ह्दय को भी नुकसान पहुंचा था। स्वजन ने बालक को मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया। विभागाध्यक्ष डा. विकेश अग्रवाल ने बताया कि छड़ी सुपीरियर वेन जो (सीधे हार्ट में खुलती है) के बाजू से शरीर चीरती हुई छाती के उस पार फंस गई थी। बालक के आपरेशन का निर्णय लिया गया। आपरेशन में यह ध्यान रखना जरूरी था कि महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित रखा जा सके। लिहाजा दूरबीन पद्धति से आपरेशन की तैयारी की गई। जिसकी सहायता से बालक के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाए बगैर सफल आपरेशन किया गया। करीब ढाई घंटे चले आपरेशन के बाद छड़ी के करीब 10 सेंटीमीटर लंबे टुकड़े को बाहर निकाला गया। मेडिकल के अधीक्षक डा. अरविंद शर्मा ने बताया कि जटिल आपरेशन डा. विकेश अग्रवाल ने किया। जिसमें डा. अक्षय पोल, डा. राजपाल सिसोदिया का सहयोग रहा। निश्चेतना डा. राजेश मिश्रा ने दी तथा डा. आकांक्षा ने इमेजिंग से नेविगेशन गाइडेंस दिया।
40 दिन बाद अस्पताल से रवाना हुआ युवकः
अंगभंग होने के बाद भी छतरपुर नौगांव निवासी युवराज बुंदेला (21) ने हौसला बनाए रखा। स्वजन ने बताया कि युवराज निजी फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट का काम करता था। कलेक्शन के कार्य से रैगढ़ पन्ना गया था। जहां से वह मोटरसाइकिल से नौगांव लौट रहा था। वह फतेहपुर पहुंचा था तभी में सड़क के गड्ढे बचाने के चक्कर में सामने से पहुंची माेटरसाइकिल के चालक ने उसे सीधी टक्कर मार दी। हादसे में युवराज का एक हाथ फ्रैक्चर हो गया तथा दाएं पैर का पंजा कट गया। स्वजन ने छह मार्च को युवराज को पीजी मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया था। अस्पताल में 40 दिन तक चले उपचार में पांच बार आपरेशन किया गया। अंतत: चिकित्सक उसका पैर बचाने में कामयाब रहे। अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. अभिजीत मुखर्जी, प्लास्टिक सर्जन डा. जलज शिवहरे एवं डा. विकास सावला ने जटिल आपरेशन किए। डा. मुखर्जी ने बताया कि युवराज की हड्डी इस कदर क्षतिग्रस्त हुई थी उसका चूरा बन गया था। जटिल आपरेशन कर हड्डी जोड़ी गई जिसके बाद दूसरे पैर से मांस लेकर प्लास्टिक सर्जरी की गई। युवराज स्वस्थ होकर घर लौटा।
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