मंदसौर। विशेष न्यायाधीश अजा अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम राजेंद्रप्रसाद सोनी ने प्रेमी के साथ मिलकर मां की हत्या करने वाली बेटी व प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें प्रेमी के बाल की डीएनए रिपोर्ट व काल डिटेल महत्वपूर्ण साक्ष्य बने हैं और इसी आधार पर उसको सजा भी सुनाई गई। दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। विशेष लोक अभियोजक अजा अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम भगवानसिंह चौहान ने बताया कि 17 नवंबर 2018 को रात 11:30 बजे सीतामऊ पुलिस थाने के ग्राम खेजड़िया में गोपालबाई परसराम के घर में घुसे आरिफ अय्यूब खां मंसूरी ने महिला की पुत्री सीमा के सहयोग से पहले गहने लूटे एवं बाद में गला दबाकर हत्या कर दी।
प्रेमी को घर बुलाया और मां की हत्या कर दी
गोपालबाई के भाई दशरथ की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की। पूछताछ में सीमा किसी भी बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। बाद में वह टूट गई और उसने बताया कि आरोपित अय्यूब के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसका मां एवं स्वजन विरोध करते थे। 17 नवंबर 2018 की रात में सीमा के पिता व भाई खेत पर फसलों की सिंचाई करने गए थे। घर पर सीमा थी, उसने अपने प्रेमी आरिफ अय्यूब मंसूरी एवं उसके दोस्त बाबूलाल को बुलाया। रात 11:30 बजे सीमा ने अपनी मां के दोनों हाथ पकड़े, बाबूलाल ने पैर पकड़े और आरिफ ने महिला का गला दबा दिया। बाद में गहने लूटकर भाग गए।
गोपालबाई के हाथ में आ गए थे आरिफ के बाल
वारदात के समय आरिफ के बाल गोपालबाई की मुट्ठी आ गए थे एवं आरिफ का आधार कार्ड भी वहीं गिर गया था। थाना प्रभारी बीएस गोरे व एसडीओपी ओपी शर्मा ने आरिफ के बाल की डीएनए जांच कराई। पुलिस ने जांच के दौरान दोनों आरोपितों के मोबाइल की काल डिटेल और लोकेशन निकाली। पुलिस ने अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। अभियोजन की ओर से न्यायालय में कुल 14 गवाह कथन कराए गए।
58 दस्तावेज प्रस्तुत किए
न्यायालय में स्वतंत्र गवाह पक्ष विरोधी हो गए। न्यायालय में 58 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। न्यायालय ने बाल की डीएनए रिपोर्ट व परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर विश्वास करते हुए सीमा व अय्यूब को भादसं की धारा 302, सहपठित धारा 34, 120 बी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी किया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक भगवानसिंह चौहान ने की।
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