दमोह से धीरज जॉनसन की रिपोर्ट
भारतीय दर्शन की ज्ञान परम्परा को विचार गोष्ठी के माध्यम से चिन्तन स्तर की प्रक्रिया पर परिचर्चा करते एवं दर्शन और ज्ञान के भारतीय परिदृश्य का मानविकी और कला के गुणवत्तापूर्ण योगदान का निदर्शन,वर्तमान शिक्षा व्यवस्था और जीवन मूल्यों के उच्चतम उद्देश्य की आदर्श स्थिति के प्रति जागरूक करने के सद्प्रयास करते हुए भारतीय दर्शन की ज्ञान परंपरा विषय पर अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय पीजी कॉलेज में 25 और 26 नवंबर को आयोजित होगा, जिसके उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डॉ जी एस रोहित,अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा सागर संभाग और मुख्य अतिथि डॉ विक्रांत सिंह चौहान जन भागीदारी अध्यक्ष,पी जी कॉलेज एवं सारस्वत अतिथि शासकीय महाविद्यालय जबेरा के पूर्व प्राचार्य डॉ एन आर राठौर होंगे और समापन सत्र की अध्यक्षता पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ केपी अहिरवार और मुख्य अतिथि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जल शक्ति केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल और दमोह विधायक अजय टंडन होंगे।शोध संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ता डॉ एम्मा सीतामबुली,डायरेक्टर नेशनल कंसलटेंसी सर्विस,लुसाका,जांबिया (अंतर्राष्ट्रीय वक्ता) डॉ हरिराम मिश्रा,अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, अध्यापक संस्कृत एवं प्राच्य विद्या अध्ययन संस्थान,जेएनयू,नई दिल्ली, डॉ बृजकिशोर गुप्ता,बेंगलोर, डॉ मीनाक्षी जोशी इलाहाबाद विश्वविद्यालय और डॉ एन एस ठाकुर,सागर होंगे। संगोष्ठी की संयोजक डॉ अनिता ने बताया कि भारतीय दर्शन की ज्ञान परंपरा भारतीय जीवन मूल्यों आध्यात्म तथा विभिन्न पक्षों को जोड़ती हुई संस्कृति और समाज में हमारे लोकाचार से जुड़ी हुई है, वसुधैव कुटुंबकम की यह संस्कृति विश्व को वर्तमान संदर्भों में जागृत करने वाली है यह संगोष्ठी समाज के लिए उनकी चेतना का आधार बनेगी।