परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में हुई दो प्रकरणों की सुनवाई
शिवलाल यादव
रायसेन। पति की प्रताड़ना से तंग एक पत्नी ने परिवार परामर्श केंद्र में गुहार लगाई थी। कई बार सूचना के बाद भी पति बैठक में उपस्थित नहीं हुआ। पत्नी ने लगातार दो बार उपस्थित होकर पत्नी पीड़ा सुनाई। घर जोड़ने जे लिए पति की तरफ से कोई पहल न होते देख पति के खिलाफ कार्रवाई की अनुसंशा की गई। एसडीओपी द्वारा पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से परिवारों के आपसी विवादों को सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन समझाइश के बाद अपने घर को बचने पहले पक्षकरों को करना होती है। कई मामलों में पक्षकार खुद अपने विवाद को सुलझाने में अरुचि दिखाते है, ऐसे में परिणाम सकारात्मक नहीं आ पाते। मंगलवार को ऐसे ही एक मामले में पति को कई बार बुलाया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। पति के इस लापरवाही पूर्ण व पत्नी की गुहार पर परिवार परामर्श केन्द्र द्वारा पति के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई। जिस पर एसडीओपी श्रीमति अदिति भवसार ने पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश महिला थाने को दिए है। एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी के विवाद को सुलझाने के लिए पक्षकारों को दूसरी काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। इससे पहले दोनों पक्षों को आपसी सामंजस्य बनाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था, लेकिन किसी भी पक्ष ने पहल नहीं की। सुनवाई के दौरान भी दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगते रहे। काफी समझाइश के बाद दोनों को एक बार और परिवार बचाने के लिए एक अवसर दिया गया। दोनों को 7 दिन का समय दिया गया, अगली बैठक में दोनों पक्ष अपना निर्णय देंगे।
परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।