देवेन्द्र तिवारी साँची रायसेन
साँची मे शौचालयों का अभाव था परन्तु इस समस्या को निपटाने लाखों रूपये की लागत से शौचालय रखवा दिये गए ।परन्तु देखकर के अभाव मे इन शौचालय मे गंदगी तो भर ही रही है साथ ही दरवाज़े टूटकर गिर चुके है जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं ।
जानकारी के अनुसार इस प्रसिद्ध स्थान पर शौचालय एवं मूत्रालय का अभाव रहता था जिससे इस स्थल पर आने वाले देशी विदेशी महिला पुरुषों को निस्तार के लिये यहाँ वहां भटकना पडता था इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए निस्तारण व्यवस्था हेतु लाखों रुपये खर्च कर प्रशासन द्वारा शौचालय निर्माण कराये गए तथा नगर मे जगह जगह इस समस्या से निजात दिलाने शौचालय बनवाकर रखवा दिये गए जिससे यहां आने जाने वाले लोगों को निस्तारण के लिए भटकना न पडे ।परन्तु इन शौचालय को रखवा कर प्रशासन ने इनकी सुध लेना ही छोड़ दिया जिससे इन शौचालय मे भीतर तथा बाहरी क्षेत्र मे आसपास गंदगी ने अपने पांव जमा लिए तथा इनके आसपास बदबू फैलने लगी ।जिससे बीमारी फैलने का अंदेशा भी बढ गया इतना ही नही इन शौचालय के दरवाज़े भी टूटकर दूर जा गिरे तब यह शौचालय दरवाज़े विहीन होकर रह गए हालांकि ऐसा भी नहीं है कि इन दरवाज़े विहीन शौचालय पर जिम्मेदारों की नजर न पड रही हो परन्तु बेखबर प्रशासन मे बैठे लोग इनसे मुंह छिपाये बने बैठे हैं तथा इन दरवाज़े विहीन शौचालय मे निस्तार हेतु लोगों को खुले मे शौच हेतु मजबूर होना पडता है इस प्रकार ही चलित शौचालय दूर दराज सूने क्षेत्रों मे रखकर प्रशासन पूरी तरह भूल चुका है इससे इनमें लगी शासन की लाखों रुपये की राशि को पलीता लग रहा है ।