आलेख
अरुण पटेल
अमेठी की जगह रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तंज करते हुए कहा कि ‘डरो मत, भागो मत‘ पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वे दक्षिण भारत से चुनाव लड़कर दिखायें। शुक्रवार 3 मई 2024 का पूरा दिन एक प्रकार से राजनीतिक गलियारों में समूचे देश में राहुल और कांग्रेसमय रहा। एक-दूसरे पर राजनेताओं ने जमकर वार-पलटवार किये। मोदी ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा कि अमेठी से भाग कर रायबरेली पहुंच गये। पश्चिम बंगाल की चुनावी सभा में राहुल पर निशाना साधते हुए बिना उनका लिये मोदी ने कहा कि चार जून के बाद शाहजादा फिर नये क्षेत्र की तलाश करेंगे जैसा कि परिवार के अन्य वरिष्ठ सदस्य ने किया और राजस्थान से राज्यसभा सीट मिली। मैंने कहा था शाहजादा वायनॉड से हारेंगे और मतदान खत्म होने के बाद तीसरी सीट तलाशेंगे । उनके समर्थक कहते थे कि वे अमेठी आयेंगे पर वे भाग गये। राहुल गांधी का कहना था कि मां ने भरोसे के साथ मुझे यह कर्मभूमि सौंपी है जबकि उनकी बहन प्रियंका गांधी का कहना था कि यहां से स्नेह का रिश्ता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहुल गांधी का एक प्रकार से पक्ष लेते हुए कहा कि देश में किसी को भी कहीं से भी चुनाव लड़ने की आजादी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तंज किया कि ‘राहुलयान‘ की 21वीं लांचिंग भी विफल रहेगी। भाजपा चाहती थी कि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरें ताकि पूरे देश की निगाहें अमेठी पर लगी रहें, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरते हुए राहुल को रायबरेली से मैदान में उतार दिया। इस वजह से स्मृति ईरानी जो कि राहुल के खिलाफ स्टंट करती रहती थीं के मंसूबों पर पानी फिर गया है और शायद यही भाजपा नेताओं की बौखलाहट का सबसे बड़ा कारण भी है।
पिछले दो-तीन दिन से राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने के तमाम कयासों और अटकलबाजियों को धता बताते हुए कांग्रेस ने एक रणनीति अपनाई और राहुल गांधी को अमेठी की जगह रायबरेली से उम्मीदवार बना दिया। अब अमेठी में स्मृति ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के प्रति समर्पित रहे कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा से होगा। इस घटनाक्रम से शायद सबसे अधिक भौचक्का स्मृति ईरानी ही रहीं होंगी क्योंकि उन्होंने जो चुनाव जीतने के लिए अपने तरकश में राहुल पर हमला बोलने के लिए तीर सजा कर रखे थे वे बेअसर हो जायेंगे और अब स्थानीय नेता से मुकाबला होने पर अमेठी एक चर्चित लोकसभा क्षेत्र नहीं रह पायेगा जिसके ऊपर समूचे देश की निगाहें लगी होंगी। राजनीतिक गलियारों में अमेठी को लेकर यह कहा जा रहा है कि यदि स्मृति ईरानी जीत जाती हैं तो यह उनकी कोई उपलब्धि नहीं होगी लेकिन यदि वह किशोरी लाल से चुनाव हार जाती हैं तो उनके राजनीतिक भविष्य के सामने एक सवालिया निशान लग जायेगा। अब सबसे बड़ा संकट स्मृति ईरानी के सामने है शायद राहुल गांधी का रायबरेली से नामांकन हो गया है इसलिए उन्हें नये चुनावी मुद्दे तलाशने होंगे। वे यदि नेहरु-गांधी परिवार पर हमला जारी रखेंगी तो इससे अमेठी में उनके विरुद्ध जनमत खड़े होने का खतरा पैदा हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की तीन चुनावी सभाओं में कांग्रेस पार्टी और खासकर बिना नाम लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शाहजादे ने वायनाड में हार मान ली है इसीलिए उन्होंने सीट बदल ली। वह लोगों से घूम-घूम कर कहते हैं कि डरो मत। अब मैं भी उनसे कहना चाहता हूं कि ‘डरो मत भागो मत‘। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अब तक की सबसे कम सीटें मिलेंगी। सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। ओपीनियन पोल या फिर एक्जिट पोल की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि मैंने संसद में बहुत पहले कांग्रेस की हार की बात कही थी। जब उनके वरिष्ठ नेेता अपनी लोकसभा सीट रायबरेली छोड़कर राजस्थान से राज्यसभा जा रहे हैं तो यह इस बात का सुबूत है कि उन्होंने अपनी हार मान ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितना जोर लगा ले वह 50 सीटें भी नहीं जीतेगी और इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस भी 15 सीटें नहीं जीतेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो तुष्टिकरण की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए वह एससी-एसटी व ओबीसी का आरक्षण छीन कर अपने जेहादी वोट बैंक को दे देगी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के एक उम्मीदवार द्वारा की गयी वोट जिहाद टिप्पणी का समर्थन करने के लिए आईएनडीआईए और कांग्रेस की आलोचना की। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि गांधी परिवार का गढ़ अमेठी और रायबरेली ही नहीं बल्कि उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन चुके हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाई है।
रायबरेली से नामांकन के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था, मेरी मॉ ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं दोनों ही मेरा परिवार है और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में मैं अपनों की मुहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं, मुझे भरोसा है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं। रायबरेली सीट पर जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं वहां से 25 साल से कांग्रेस जीत रही है और वहीं अमेठी में 25 साल बाद गैर गांधी परिवार से किशोरी लाल शर्मा मैदान में हैं लेकिन वह गांधी परिवार के सबसे भरोसेमंद हैं जो अमेठी एवं रायबरेली में इस परिवार के व्यक्ति के रुप में कामकाज देखते रहे हैं।
एक दूसरे पर तंज करते राजनेता
सात मई को तीसरे दौर का मतदान होने जा रहा है और मध्यप्रदेश में भी राजनेता एक-दूसरे पर तंज कसने तथा एक-दूसरे की विफलता गिनाने की प्रतिस्पर्धा में कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता। इसलिए उनमें आपस में होड़ लगी हुई कि कौन किस पर ज्यादा गहरा तंज कसता है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व महासचिव दिग्विजय सिंह के चुनाव क्षेत्र में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा नेताओं से पूछा है कि वह दस साल का रिपोर्ट कार्ड बतायें कि उसने क्या किया। ब्यावरा में पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेता व कार्यकर्ता अबकी बार 400 पार का नारा दे रहे हैं और पूरे एनडीए गठबंधन ने इसे ही अपना मुख्य एजेंडा बनाया है, लेकिन लोकसभा चुनाव में 400 का आंकड़ा पाना इतना आसान नहीं है। दूसरे चरण के मतदान के बाद उनकी समझ में भी आ गया है कि यह आंकड़ा पाना आसान नहीं है। भाजपा वाले अब सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मसजिद और मंगलसूत्र में उलझे हैं लेकिन कांग्रेस मुद्दों की राजनीति करती है। हमारे मुद्दे मनरेगा, किसान, निवेश के स्कूल, सड़क, नौकरी, बिजली, खाद-पानी, उद्योग, टीचर, अस्पताल हैं जिन पर चुनाव होने चाहिये। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार दबाव की राजनीति कर रही है और निष्पक्ष व्यवस्था को दरकिनार कर संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार कर चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में डाल रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि राजगढ़ चुनाव देश व प्रदेश में चर्चित चुनाव है क्योंकि मध्यप्रदेश के बंटाढार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। ये मिस्टर बंटाढार वही दिग्विजय सिंह हैं जो 2003 से पहले प्रदेश को दुरावस्था में ले गये थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुलताई में मोदी की गारंटी पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह चाइना के माल की कोई गारंटी नहीं होती उसी तरह मोदी की गारंटी है जिसकी कोई गारंटी नहीं है।
और यह भी……
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राहुल गांधी पर किये गये तंज को लेकर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार के.के. मिश्रा ने ट्वीट में कहा है कि रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से राहुल गांधी के नामांकन दाखिल करने को लेकर बिना मांगी सलाह नरेन्द्र मोदी दे रहे हैं कि ‘डरो मत भागो मत‘ उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्रीजी नेहरु-गांधी परिवार का भय और भागने से कोई भी रिश्ता होता तो वह परिवार आजादी के संग्राम में अंग्रेजों की गुलामी करता, उनसे माफी मांगता, उनकी मुखबिरी करता और बलदानी परिवार का स्तंभ न कहलाते हुए गद्दार के परिवार के रुप में जाना जाता। यदि आप निडर हैं तो यह भी बता दीजिए कि आपने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में बार-बार निर्वाचन क्षेत्र क्यों बदले डरे या भागे।
–लेखक मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हें।