-प्रभावित गांव के लोगो तक नहीं पहुँचाई जाती जनसुनवाई की सूचनाएं
-ग्राम पंचायतो की मिलीभगत के चलते गांवो में नहीं होती मुनादी
-द मेटालिक की जनसुनवाई में भी दिखा ऐंसा ही नजारा
सुरेन्द्र जैन धरसीवां
बढ़ते ओधोगिक प्रदूषण से हलाकान ग्रामीणो के लिए भविष्य में प्रदूषण की समस्या और भी विकराल रूप धारण करने के संकेत स्प्ष्ट दिखाई दे रहे हैं बढ़ते ओधोगिक प्रदूषण के बीच कई फेक्ट्रियो के विस्तार की एक एक कर जनसुनवाई का दौर तो चल रहा है लेकिन इसकी भनक प्रभावित गांव के लोगो तक नहीं पहुच रही है ग्राम पंचायतों की मिलीभगत के चलते चुनावी सभाओं रैलियों में जुटाई जाने वाली भीड़ की तर्ज पर हां में हूँ मिलाने के लिए यहां वहां के लोगो को जनसुनवाई में लाकर बिठाया जाने लगा है हालांकि अतिरिक्त तहसीलदार अजय चंद्रवंशी का कहना है कि जनसुनवाई के कई दिन पूर्व आसपास की ग्राम पंचायतों को सूचना भेज दी जाती है ताकि वह गांव में मुनादी करा सकें ।
मैं तो फेक्ट्री में काम करता हूँ
गुरुवार को सिलतरा बिजली ऑफिस परिसर में द मेटालिक फेक्ट्री के विस्तार की जनसुनवाई सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई जो बारह बजे के पहले ही समाप्त हो गई बाहर निकलते एक युवक ने पूछने पर बताया कि मैं तो भगवती फेक्ट्री में काम करता हूँ सर बोले यहां आकर बैठो तो आकर बैठ गया मुझे नहीं पता था यहां क्या हो रहा है हालांकि उक्त युवक सिलतरा का ही रहने वाला है जिसने अपना नाम धर्मेंद्र बताया।
मैं सरोरा तिल्दा का हूँ महेंद्रा फेक्ट्री में काम करता हूँ
तिल्दा के सरोरा निवासी अविनाश ने बताया कि वह अपने ससुर के यहां सिलतरा आया था वह अपने गांव की महेंद्रा फेक्ट्री में काम करता है वो भैया मुझे यहां ले आये कहा कुछ देर यहां अन्दर बैठो ।
नहीं कि गई आसपास गांवों में मुनादी
ओधोगिक इकाइयों के विस्तार के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली जनसुनवाई की पूर्व सूचना कई दिन पहले आसपास की पंचायतो को भेज दी जाती है बाबजूद इसके ज्यादातर पंचायतें गांव में मुनादी तक नहीं कराती परिणामस्वरूप प्रदूषण की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणो को पता ही नहीं चलता ओर वह जनसुनवाई में पहुच ही नहीं पाते।
आसपास की पंचायतो को दी थी पूर्व सूचना
अतिरिक्त तहसीलदार अजय चंद्रवंशी ने बताया कि गुरुवार को द मेटालिक के विस्तार की जनसुनवाई थी जिसमे किसी ने कोई विरोध नहीं किया है
उन्होंने बताया कि जनसुनवाई की पूर्व सूचना आसपास के सांकरा सिलतरा मुरेठी निमोरा सोण्डरा आदि सभी ग्राम पंचायतों को काफी दिन पहले भेज दी गई थी ताकि वह गांव में मुनादी करा दें और ग्रामीण जनसुनवाई में अपना पक्ष रख सकें ।
अधिकांश लोग फेक्ट्रियो में काम करने वाले
द मेटालिक की जनसुनवाई में अधिकांश लोग फेक्ट्रियो में काम करने वाले ही नजर आए उनकी भी संख्या कोई खास अधिक नहीं थी उनसे अधिक तो मौके पर पुलिस प्रशासन और फेक्ट्रियो के लोग व कुछ पंच सरपंच नजर आ रहे थे।
प्रदूषण से पहले से ही ग्रामीण हलाकान
बढ़ते ओधोगिक प्रदूषण से पहले से ही ओधोगिक क्षेत्र सिलतरा व आसपास के गांव सांकरा सोण्डरा,धनेली,मांढर,मुरेठी आदि गांव के लोग बहुत परेसान हैं कई बार प्रदूषण का मुद्दा उठाने के बाबजूद प्रदूषण कम नहीं हुआ बल्कि उल्टा अधिक ही हुआ है बाबजूद इसके प्रदूषब पर नियंत्रण करने के पहले फेक्ट्रियो का विस्तार प्रदूषण की समस्या को ओर भी विकराल करेगा इंसमे कोई संदेह नहीं।