रायसेन शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल, वन विभाग भी हैरान
सी एल गौर रायसेन
जिला मुख्यालय रायसेन के आसपास पिछले कई माह से जंगली बाघों ने डेरा जमा रखा है किला पहाड़ी तो कभी सीता त लाई, कभी जाखापुल के पास तो कभी पेंनगवा, परसौरा सहित आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में इन जंगली बाघों का घूमना फिरना लगातार जरी है, रायसेन शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बाघों का इतना डर है कि लोग शाम होने के बाद अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। जंगली बाघों के कारण जहां वन विभाग का हमला हैरान है वहीं दूसरी ओर आम जन भी बाघों के मूवमेंट से परेशान है । जानकारी के अनुसार अभी तक है जंगली बाघ कई जानवरों को अपना शिकार बन चुके हैं, परंतु जानवरों के साथ अब लोगों को जान का खतरा बढ़ रहा है। रात के समय कई ग्रामीण अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं, उनके खेतों की रखवाली भी भगवान भरोसे ही चल रही है। इसकी मुख वजह यही देखने में आ रही है कि में जंगली बाघों को जंगल में शिकार नहीं मिल रहा तो वह मैदानी क्षेत्रों की ओर मूवमेंट कर रहे हैं। दूसरा कारण यह है कि इस समय जंगली क्षेत्र में पानी नहीं है इस कारण जंगली बाघ पानी की तलाश में जंगल छोडकर मैदानी क्षेत्रों में आ जाते है। वन विभाग के आला अधिकारी से लेकर मैदानी वन अमला भी पूरी कोशिश कर रहा है परंतु अभी तक जंगली बाग पकड़ में नहीं आपा रहे हैं यह लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
बुधवार को सामान वन मंडल पूर्वी क्षेत्र चिकलोद रोड स्थित पेंनगवा के पास जंगली बाघ घूमता दिखाई दे रहा है पेनगवा के लोगों ने इसका दूर से वीडियो बनाकर शेयर किया है, इतना ही नहीं गांव के लोग जोर-जोर से चिल्ला कर बाघ को भगाने की कोशिश की तब जाकर वह मुश्किल जंगल की ओर भागा। इस संबंध में जानकारी लेने पर ग्राम पेंगामा निवासी दीपक रावत, बबलू रावत, सोनू रावत, रुक्खम लाल, नंदलाल आदि ने बताया कि बुधवार को सुबह 9:00 के लगभग बाघ दिखाई दिया। इस समय गांव के बच्चों ने बाघ को पहले देखा फिर गांव के लोगों ने दूर से ही चिल्लाकर आवाज लगाई तो वह जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ। जिला मुख्यालय के आसपास जंगली बाघों का घूमना फिरना लगातार जारी है, जिसके कारण लोगों के बीच भय व्याप्त है और लोग सतर्कता बरतते हुए आना जाना कर पा रहे हैं।