इंदौर। श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर ने अनोखी साइंस कांफ्रेंस तथा चाइल्ड प्रॉडिजी पुरस्कार का आयोजन किया।2 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों की मस्तिष्क की तंत्रिका तेजी से विकसित होती हैं। इस अवधि को उनकी समस्या समाधान क्षमता और अन्वेषण के प्रति प्रेम को विकसित करने का आदर्श समय माना जाता है।
इसी को मुख्य उद्देश्य बनाकर श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 28 फरवरी को एक अनोखी साइंस कांफ्रेंस तथा बाल प्रतिभा चाइल्ड प्रोडिजी साइंस अवार्ड का आयोजन किया। 2 से 6 साल के इन छोटे छोटे बच्चों ने बहुत ही रोमांचक साइंस एक्सपेरिमेंट जजेज़ तथा पालकगण के सामने प्रस्तुत किए। जैसे वाटर रेनबो, रोबोटिक हैंड, रिफ्रेक्शन , मैग्नेटिक एंड नॉनमग्नेटिक ऑब्जेक्ट्स, पत्तिया हरी क्यों होती है, आग को जलने के लिए क्या चाहिए आदि प्रश्नों के जवाब प्रैक्टिकल के रूप में सभी के सामने प्रस्तुत किए ।
इस कांफ्रेंस में कुमारी हंशीका खत्री को उनके द्वारा किये गए लावा लैंप एक्सपेरिमेंट पर चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड का विजेता घोषित किया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन अवॉर्ड ट्रॉफीज के रूप में दिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा सेठी एडमिनिस्ट्रेटर, न्यू दिगम्बर पब्लिक स्कूल, ने बताया कि बच्चो को विज्ञान के साथ जोड़ने से वे बहुत अच्छे observer तथा इंक्विसिटीव बनते है, जिससे कि आगे जाकर उनके carreer की मजबूत आधारशिला बनाती है। प्राचार्या डॉ मोनिका जैन ने बताया की स्कूल में साइंटिफिक थर्सडे मनाया जाता है जिसमे बच्चें हर गुरुवार हैंड्स ऑन साइंस मैजिक परफॉर्म करते है।
इसका उद्दश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि जाग्रत करवाना है जिससे कि इन बच्चों में लॉजिकल रिजनिंग तथा एनालीटिकल डेवलोपमेन्ट हो सके।
इस अपने आप मे अनूठी कांफ्रेंस का संचालन
श्रीमति भारती मोहिते तथा कुमारी खुशी सर्राफ ने किया,माधवी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कशिश बौरोसी ,सारिका कुसुमे ने सफल आयोजन में अपनी भूमिका निभाई।