मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
खेती में लगातार नुकसान उठा रहे अन्नदाताओं के अरमानों पर मंगलवार को मौसम ने फिर से पानी फेर दिया। सुबह से रह-रह कर रंग बदल रहे मौसम ने दोपहर बाद अपने कड़े तेवर दिखाए। बारिश के साथ तेज हवाओं ने लोगों को ठंड का अहसास कराया, वहीं किसानों पर तो आफत ही टूट पड़ी। खेतों में खड़ी गेंहू चना की फसल धरासायी हो गई। तमाम कई इलाकों में फसल की कटाई शुरू हो गई थी। फसल काट कर लोगों ने खेत में छोड़ दी थी, उसे उठा कर घर ले जाना बाकी थी। बारिश में ये फसल भी भीग गई। मौसम की इस मार से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं।
पिछले कई साल से किसानों को खेती में नुकसान ही उठाना पड़ रहा था। कभी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल तबाह हो गई तो कभी फसलों का उचित मूल्य न मिलने से आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। इस किसानों को गेहूं की फसल से मुनाफे और पुराने नुकसान की भरपाई की उम्मीद थी। लेकिन मंगलबार को मौसम के कड़े रुख के कारण कई किसानों की फसले आड़ी हो गई। मंगलवार सुबह भी आसमान पर काले बादल छाए रहे। ठंड के कारण लोगों को ऊनी कपड़े फिर से निकालने पड़े। दोपहर बाद अचानक बारिश शुरू हो गई। हालांकि बारिश ज्यादा तेज हुई, लेकिन इसके पानी के साथ तेज हवा चलने से गेहूं व सरसो की फसल को नुकसान हो गया। गेहूं और सरसों के पौधों में दाने पड़ रहे हैं। कई किसानों ने हाल ही में खेतों की सिंचाई भी की थी। ऐसे में तेज हवा के कारण फसले ऑडी हो गईं। वहीं कई क्षेत्रों में मामूली बूंदाबांदी ही हुई, लेकिन पल-पल बदलते मौसम को देखकर किसान को चिंता है।
कस्बा दीवानगंज के सुरेश साहू, निवास मीणा ,मुकेश नायक , भगवान नायक, अंबाडी में थान सिंह मीणा, गजेंद्र ठाकुर, गजेंद्र चौकसे आदि किसानों ने कहा है कि फैसले आदि होने के कारण उत्पादन 20 से 25 फीसदी घट जाएगा ऐसे कई किसान है जिनकी दीवानगंज क्षेत्र के आसपास की फसलें कल की तेज हवा और बारिश में आड़ी हो गई है।
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