रतलाम, सरवन। आदिवासी अंचल में हादसों के बाद भी सवारी वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या बरकरार है। वाहनों में क्षमता से चार से पांच गुना अधिक सवारियां बैठाई जा रही है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर वाहनों की छत और लटककर यात्रा कर रहे हैं। जिम्मेदार खानापूर्ति की कार्रवाई कर कर्तव्य से इतिश्री कर रहे हैं।
आदिवासी अंचल सरवन, सैलाना, बाजना, रावटी सहित रतलाम जिले के अन्य गांवों में वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर ग्रामीणों की जान-माल से खिलवाड़ किया जा रहा है। ओवरलोड वाहन दिनभर जिम्मेदारों की आंखों के सामने से फर्राटे से दौड़ रहे हैं। ओवरलोड वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर अब तक कई लोग असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। इसके बाद भी वाहनों में मौत का सफर बदस्तूर चल रहा है।
दुर्घटना के बाद एक-दो दिन पुलिस द्वारा ओवरलोड वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसके बाद स्थिति पुन: जस की तस हो जाती है। ग्रामीण हर दिन जान जोखिम में डालकर यात्रा करते देखे जा सकते हैं। गंभीर दुघर्टनाओं के बावजूद तीन पहिया वाहन में 30 से 40 और चार पहिया वाहन में 50 से 60 सवारियां बैठाई जा रही है।