हाई कोर्ट का आदेश पुराने नियमों का पालन करते हुए परीक्षा परिणाम करे तैयार
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए पीएससी के द्वारा आयोजित की गई साल 2019 की प्रारंभिक परीक्षा और 2020 के मुख्य परीक्षा के परिणामों को निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुराने नियमों का पालन करते हुए परीक्षा परिणाम तैयार किए जाएं ।पीएससी परीक्षा साल 2019 में शामिल 65 से ज्यादा छात्रों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बताया था कि पीएससी ने संशोधित नियम 2020 को लागू किया है जिसमें कहा गया है कि आरक्षित वर्ग के मेरिट में स्थान प्राप्त उम्मीदवारों को जनरल कोटे में शामिल नहीं किया जा सकता है यह नियम पूरी तरह से गलत है। इस मामले की लंबी चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने माना की पीएससी के द्वारा संशोधित नियम 2020 पूरी तरह से असंवैधानिक है इसे रद्द किया जाए और इसके आधार पर तैयार किया गया पीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2019 के परिणाम और 2020 के मुख्य परीक्षा परिणाम को निरस्त किया जाए और पुराने नियमों के अनुसार रिजल्ट तैयार किया जाए।याचिकाकर्ताओं के वकील रामेश्वर पी सिंह के अनुसार हाईकोर्ट ने माना है कि पीएससी के द्वारा नियमों का जमकर उल्लंघन किया गया है जिससे आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को उनका वाजिब हक नहीं मिला है।अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के परीक्षार्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।